62 किलो से अधिक गांजा के साथ चार कारोबारी गिरफ्तार

राउरकेला से झारखंड की ओर जा रही एक कार की तलाशी के दौरान ब्राह्मणीतरंग थाना की पुलिस ने 62 किलो 165 ग्राम गांजा के साथ तीन कारोबारियों को पकड़ा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 10:04 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 10:04 PM (IST)
62 किलो से अधिक गांजा के साथ चार कारोबारी गिरफ्तार
62 किलो से अधिक गांजा के साथ चार कारोबारी गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला से झारखंड की ओर जा रही एक कार की तलाशी के दौरान ब्राह्मणीतरंग थाना की पुलिस ने 62 किलो 165 ग्राम गांजा के साथ तीन कारोबारियों को पकड़ा। इनके पास से एक देसी पिस्तौल, एक कार तथा चार मोबाइल जब्त किया। गिरफ्तार आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज करने के साथ ही पुलिस कारोबार की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

वेदव्यास से होकर एक कार बीरमित्रपुर होकर झारखंड सीमा की ओर जा रही थी। इसमें गांजा होने की सूचना मिलने पर ब्राह्मणी तरंग पुलिस के द्वारा उसका पीछा किया गया। कार वेदव्यास-कुआरमुंडा के रास्ते जा रही थी तभी निजी संयंत्र के पास उसे रोक लिया। तलाशी लेने पर उसमें तीन बोरे में भरा 62.165 किलोग्राम गांजा मिला। इसके दस्तावेज मांगे जाने पर आरोपित कुछ नहीं दिखा पाये। गांजा के अवैध कारोबार में कुआरमुंडा ब्लाक के कुकुंडबहाल के 28 वर्षीय सुब्रत उर्फ इंद्रजीत नंद, राउरकेला के गोपबंधुपल्ली निवासी 28 वर्षीय मुकेश यादव, सेक्टर-3 के 26 वर्षीय विजय नायक तथा सेक्टर-15 के अजय नायक उर्फ गांधी को पकड़ा गया। इनके पास से एक देशी पिस्तौल एवं चार मोबाइल समेत कार को जब्त किया गया है। जब्त मोबाइल के जरिए पुलिस इसका पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कारोबार कहां चल रहा था एवं इसमें कौन लोग शामिल हैं। कश्मीर में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें : कुसुम : विश्व हिदू परिषद के एक वरिष्ठ अधिकारी शांतनु कुसुम ने हाल ही में कश्मीर में हिदुओं के भागने की आशंकाओं के बढ़ने पर केंद्र सरकार की निष्क्रियता और चुप्पी पर सवाल उठाया है, क्योंकि आतंकवादी वहां हिदुओं की तलाश कर रहे हैं और उन्हें मार रहे हैं। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को अल्पसंख्यक वोट बैंक से बाहर आना चाहिए और जल्द से जल्द आतंकियों पर नकेल कसनी चाहिए। उन्होंने कश्मीर में हिदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। विहिप नेता शांतनु कुसुम ने कहा है कि जहां 32 साल पहले तुष्टीकरण की राजनीति के चलते चार लाख हिदुओं को कश्मीर से निर्वासित किया गया था। सरकार की निष्क्रियता और मूल कारण खोजने के प्रयासों की कमी के कारण वे आज तक अपने घरों में नहीं लौट पाए हैं। कश्मीर के हिदू शरणार्थियों ने आज अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि जिस तरह से कश्मीर में रहने वाले हिदू डर और पीड़ा में जी रहे हैं, वह बहुत दर्दनाक है। हालांकि, इस तरह की घटनाएं कश्मीर के हिदुओं के लिए लोकतंत्र का मजाक उड़ाती रहती हैं। संसद से लेकर संविधान तक सब कुछ की अनदेखी हो रही है। विहिप नेता ने मांग की है कि केंद्र सरकार कश्मीर के हिदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ उनकी उचित आजीविका और सामाजिक सुरक्षा के लिए कदम उठाए।

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