गांव के लोगों को भी 'रक्षक' के बारे में हो जानकारी तभी मिलेगी सफलता : एडीएम

प्रभारी अतिरिक्त जिलापाल (एडीएम) सह राउरकेला नगर निगम के आयुक्त दिव्यज्योति परिडा ने कहा कि शहर के साथ गांव के लोगों को जागरूक कर रक्षक योजना को सफल कर पाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 10:10 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 10:10 PM (IST)
गांव के लोगों को भी 'रक्षक' के बारे में हो जानकारी तभी मिलेगी सफलता : एडीएम
गांव के लोगों को भी 'रक्षक' के बारे में हो जानकारी तभी मिलेगी सफलता : एडीएम

जागरण संवाददाता, राउरकेला : प्रभारी अतिरिक्त जिलापाल (एडीएम) सह राउरकेला नगर निगम के आयुक्त दिव्यज्योति परिडा ने कहा कि शहर के साथ गांव के लोगों को जागरूक कर रक्षक योजना को सफल कर पाएंगे। सड़क दुर्घटना में होने वाली 25 फीसद मृत्यु को भी अगर हम रोक पाए तो इस योजना को सफल कहा जा सकेगा। सड़क दुर्घटना में लोगों की जान बचाने के लिए राज्य सरकार की ओर से शुरू किए गए रक्षक जागरूकता कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर उदितनगर आईटीडीए हॉल में उपस्थित लोगों को वे बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कहा कि लोग अपने नाबालिग बच्चों को दो पहिया से लेकर चार पहिया समेत अन्य वाहन चलाने नहीं दें। ट्रैफिक नियम का कड़ाई से पालन करें। दुर्घटना वाले ब्लैक स्पॉट की पहचान कर दुर्घटना में कमी लाने के लिए विभिन्न उपकरण लगाए जा रहे है।

दुर्घटना के घायलों को अब कोई नहीं करेगा परेशान : एसपी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राउरकेला के एसपी मुकेश कुमार भामो ने कहा, सड़क दुर्घटना में घायल होने वालों की सहायता करने व अस्पताल पहुंचाने वालों को अब न ही पुलिस और न ही कोर्ट परेशान करेगा। बल्कि उन्हें इनाम देने की व्यवस्था योजना के तहत लागू की गई है। दुर्घटना के घायलों को भी प्राथमिक सहायता देने की व्यवस्था की गई है। दुर्घटना के बाद पहला एक घंटा घायल के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है। समय पर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने पर उसकी जिदगी बचने के साथ उसके परिवार को बेसहारा होने से बचाया जा सकता है। इस तरह की सहायता से 50 फीसद लोगों की जिदगी को बचाया जा सकता है। इससे बड़ा सामाजिक कार्य नही हो सकता है। सड़क किनारे होटल, ढ़ाबा, पेट्रोल पंप, दुकानदार को भी सड़क दुर्घटना के घायलों का प्राथमिक इलाज करने व खुद के अथवा भाड़े के वाहन से इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाने के लिए जागरूक किया जाएगा। उन्होंने आह्वान किया कि खुद के वाहन से भी अगर दुर्घटना हो तो पुलिस केस का डर मन से निकाल घायल की सहायता करें। सरकार दुर्घटना में मरने वालों को 4 लाख, दिव्यांग होने पर 2 लाख तथा गंभीर रूप से घायल होने पर 50 हजार रुपये सहायता राशि परिजनों को देगी। मौके पर आरटीओ विश्वराज बेहरा, रक्षक के ट्रेनर प्रदीप्त भट्टाचार्य व पुलिस विभाग के अधिकारी मंचासीन थे। कार्यक्रम के बाद सभी को रक्षक के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।

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