दंपती के शव को कंधा देने नहीं आए ग्रामीण

दूसरी जाति की युवती से शादी करने पर सामाजिक बहिष्कार किए गए व्यक्ति को मौत के बाद भी लोगों ने कंधा नहीं दिया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 10:03 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 10:03 PM (IST)
दंपती के शव को कंधा देने नहीं आए ग्रामीण
दंपती के शव को कंधा देने नहीं आए ग्रामीण

जागरण संवाददाता, राउरकेला : दूसरी जाति की युवती से शादी करने पर सामाजिक बहिष्कार किए गए व्यक्ति को मौत के बाद भी लोगों ने कंधा नहीं दिया। शव को लेने के लिए महाप्रयाण वाहन घंटो खड़ा रहा और ग्रामीणों के नहीं आने पर उसे वापस भेजना पड़ा। यहां तक कि उसकी मां भी शव के पास नहीं आई। अंत में श्मशान बंधु सामने आए और शव का अंतिम संस्कार किया। यह अमानवीय घटना सुबलया पंचायत के खइरखमन गांव की है। ट्रैक्टर हादसे में युगल भोई और उसकी पत्नी कुंती की मौत हो गई थी।

सुंदरगढ़ सदर थाना अंतर्गत सुबलया के खइरखमन गांव में रविवार को ट्रैक्टर के पलट जाने से युगल भोई व उसकी पत्नी कुंती की मौत हो गई थी। युगल श्रमिक का काम करता था एवं उससे गैर जाति की युवती कुंती से प्रेम हो गया। कुछ महीने पहले वह कुंती को लेकर घर आया। तब उसका सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। उसकी मां भी घर छोड़ कर चली गई। इसके बाद दोनों मजदूरी कर जीवन यापन कर रहे थे। ट्रैक्टर हादसे में मौत होने के बाद पुलिस द्वारा शव को जब्त किया गया तथा पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया। यहां पोस्टमार्टम कराने के बाद दो महाप्रयाण वाहन से शवों को अंतिम संस्कार के लिए गांव भेजा गया। दोनों वाहन गांव में घंटों खड़े रहे पर गांव का कोई भी व्यक्ति शव को सत्कार के लिए आगे नहीं आया। उसकी मां भी वहां नहीं आई। गांव के सरोज पंडा ने इस संबंध में फोन पर श्मशान बंधुओं को सूचित किया और सहयोग का अनुरोध किया। श्मशान बंधु सिद्धांत पंडा, शिशिर चौधरी, मनोज त्रिपाठी, कमलेश नथानी, चिटू रक्सा, देवेन साहू समेत अन्य लोगों ने दंपती का अंतिम संस्कार रानीबगीचा श्मशान घाट में किया।

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