लॉकडाउन के डर से मजदूरों का पलायन जारी
राउरकेला स्मार्ट सिटी में वर्ष 2020 में कोरोना की लहर के दौरान विकास कार्य बाधित हुआ था एवं देरी हुई थी।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला स्मार्ट सिटी में वर्ष 2020 में कोरोना की लहर के दौरान विकास कार्य बाधित हुआ था एवं देरी हुई थी। इस साल फिर कोरोना की लहर तथा शट डाउन व लॉक डाउन की स्थिति उत्पन्न होने के कारण श्रमिकों का पलायन शुरु हो गया है। ठेकेदारों के लिए बाहर से आये श्रमिकों को रोक पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में स्मार्ट सिटी में चल रहे एक दर्जन से अधिक बड़ी योजनाओं का काम समय पर पूरा करने पर संदेह प्रकट किया जा रहा है।
राउरकेला स्मार्ट सिटी में पिछले साल सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट, पाइप लाइन बिछाने, अमृत योजना के काम के लिए मजदूर नहीं मिलने के कारण काम प्रभावित हुआ था। टिबर कालोनी व गोपबंधुपल्ली में यूडीआइएसएसएमटी योजना के अधीन पेयजल आपूर्ति की योजना का काम पूरा नहीं हुआ है। सिविल टाउनशिप क्षेत्र में बाइपास रोड, मेन रोड, उदितनगर से पानपोष तक स्मार्ट रोड तथा अंदर वाले क्षेत्रों में भी सड़क, अंडरग्राउंड केबुलिग, बिजली के लिए काम चल रहा है। इसके अलावा कमांड कंट्रोल सेंटर, ओडिटोरियम, ट्राइबल म्यूजियम, पानपोष चौक के पास बीजू पटनायक इंडोर स्टेडियम, बिरसा मुंडा स्टेडियम में विकास, एनएच-143 के चौड़ीकरण व मरम्मत, ब्राह्णणी नदी पर द्वितीय पुल निर्माण का काम चल रहा है। स्मार्ट सिटी के एक अधिकारी के अनुसार कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए शहर में चल रहे विकास कार्यों में तेजी लाने पर जोर दिया गया रहा है पर सब कुछ काम करने वाले श्रमिकों की उपलब्धता पर निर्भर कर रहा है। दूसरे राज्यों के कुशल श्रमिक ही बड़ी योजनाओं में नियोजित हैं। कोरोना संक्रमण बढ़ने एवं लॉकडाउन की स्थिति उत्पन्न होने से श्रमिकों का पलायन शुरु हो गया है। श्रमिक अपने अपने राज्यों में लौटने लगे हैं जिससे योजनाओं में श्रमिकों की कमी की समस्य उत्पन्न होगी एवं समय पर काम को पूरा करना मुश्किल होगा। ऐसे में निर्माण में लागत भी अधिक आ सकती है।