राउरकेला स्टेशन में डिजिटल घड़ी अबतक नहीं लगी
मॉडल स्टेशन राउरकेला की एक मात्र डिजिटल घड़ी खराब होने का समाचार दैनिक जागरण में विगत 24 जून को प्रकाशित किया गया था।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : मॉडल स्टेशन, राउरकेला की एक मात्र डिजिटल घड़ी खराब होने का समाचार दैनिक जागरण में विगत 24 जून को प्रकाशित किया गया था। एक माह से उक्त घड़ी खराब होने के बावजूद अभी तक घड़ी की मरम्मत या उसे बदला नही जा रहा है। समाचार छपने के दूसरे दिन 25 जुलाई को रेल कर्मियों ने उक्त खराब घड़ी को मरम्मत करने के लिए ले गए थे। लेकिन इसके 17 दिन यानी रविवार तक वह जगह खाली थी। उस जगह पर न ही मरम्मत की गई घड़ी दिखी और ना ही नई डिजिटल घड़ी रेलवे की ओर से लगाई गई। इससे स्टेशन आने वाले यात्रियों को समय के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री फसल योजना में गड़बड़ी : सहाजबहाल लैंपस में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में मिले दस्तावेज में गड़बड़ी की शिकायत की गई है। बीमा कराने वाले किसानों का नाम दस्तावेज में शामिल नहीं किया गया है जिससे सूखे व फसल हानि की स्थिति में उन्हें मुआवजा मिलने पर आशंका बनी हुई है। लैंपस अधिकारियों से इसमें शीघ्र सुधार की मांग की गई है। सहाजबहाल लैंपस अंतर्गत पटुआबेड़ा गांव के 15 किसानों को मिले बीमा संबंधित दस्तावेज में गड़बड़ी पायी गई है। लैंपस अंतर्गत सभी गांव के किसानों की जगह अज्ञात व्यक्ति का नाम है। ऐसे में फसल हानि, सूखा, कीड़ा लगने आदि की स्थिति में किसान बीमा से वंचित हो जायेंगे। किसान दलगोविद बेहरा को मिले दस्तावेज में सीताराम सुपकार, घनश्याम सा के दस्तावेज में सुदर्शन छूरा का नाम लिखा है। ऐसे कई किसानों को मिले दस्तावेज में दूसरों का नाम है। लैंपस के एमडी ब्रज मगर से पूछने पर उन्होंने कहा कि पुराने एमडी की इस संबंध में बता सकते हैं। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर किसानों ने इस ओर जिलापाल का ध्यान आकृष्ट किया है।