मांसाहारियों को लुभा रहा थाइलैंड का ब्लैक जेट मुर्गा

नुआगांव ब्लाक के सोरड़ा गांव निवासी मुस्ताख अंसारी का मुर्गा फार्म आजकल सुर्खियों में है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Jul 2021 07:09 AM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 07:09 AM (IST)
मांसाहारियों को लुभा रहा थाइलैंड का ब्लैक जेट मुर्गा
मांसाहारियों को लुभा रहा थाइलैंड का ब्लैक जेट मुर्गा

जागरण संवाददाता, राउरकेला : नुआगांव ब्लाक के सोरड़ा गांव निवासी मुस्ताख अंसारी का मुर्गा फार्म आजकल सुर्खियों में है। यहां हर दिन मुर्गा खरीदने वालों की भीड़ लगती है। झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार से लोग मुर्गा लेने के लिए यहां पहुंचते हैं। थाइलैंड का ब्लैक जेट नामक मुर्गा प्रति किलो पांच से छह हजार रुपये में बिक रहा है। लड़ाई कराने के साथ साथ गुणकारी व स्वादिष्ट मांस के लिए भी लोग इस मुर्गे को पसंद करते हैं। मांग के आधार पर मुस्ताख मुर्गों का पालन कर रहे हैं एवं यही उनकी आय का मुख्य स्रोत है। इस तरह के मुर्गों का पालन कर वे लोगों को स्वरोजगार के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं।

मुर्गा पालन के लिए सोरड़ा निवासी मुस्ताख अंसारी का नाम अब चर्चा में है। मुर्गा खरीदने वाले कारोबारी हर दिन वाहन लेकर पहुंच रहे हैं। उनके फार्म में देसी विदेशी 10 प्रजाति के मुर्गे हैं। इनमें थाइलैंड का ब्लैक जेट, तमिलनाडु एवं आंध्रप्रदेश के असिल सह परोडविक, हाई-फ्लाइयर, सिबी, कड़कनाथ, टेंबर टेल आदि प्रमुख हैं। ब्लैक जेट की मांग सबसे अधिक है। इसका वजन 5 से 6 किलो होता है। इसका मांस काला रहता है। इसमें कई तरह के औषधीय गुण होने के कारण लोग इसे पसंद करते हैं। मुस्ताख का कहना है कि पहले इस मुर्गे का मांस थाइलैंड के राजपरिवार के लोग खाते थे। इस मुर्गे का वजन पांच किलो होने पर यह 15 से 20 हजार रुपये तक बिकता है। लोग इसे ढूंढते हुए उनके पास पहुंचते हैं। धूप, वर्षा, जाड़ा सहने योग्य विभिन्न प्रजाति के 20 लाख से अधिक के मुर्गे मुस्ताख के फार्म में हैं। उन्होंने इनके खानपान के साथ-साथ इलाज की भी व्यवस्था कर रखी है। मुर्गों की मांग अधिक होने के कारण उन्हें प्रोत्साहन मिल रहा है एवं इससे अच्छी आय भी हो रही है एवं परिवार का भरण पोषण इसी से हो रहा है। सबडेगा में हाथियों का उत्पात जारी : सबडेगा वनमंडल अंतर्गत टांगरगांव इलाके में हाथियों के उत्पात से ग्रामीण आतंकित हैं। पिछली रात को हाथियों ने एक घर को तोड़ कर अनाज खा गए। परिवार के लोग किसी तरह जान बचाकर भागने में सफल रहे।

रात करीब दो बजे दो हाथी देवबहाल गांव के नरमपाड़ा पहुंचे और तेलेस्पोर डुंगडुंग के घर को तोड़ दिया। तब तेलेस्पोर अपने तीन बच्चों और पत्नी के साथ घर में थे। हाथियों ने अनाज खाने के साथ ही घर में रखे सामान को भी नुकसान पहुंचाया है। ग्रामीणों की सहायता से हाथियों को खदेड़ा गया। हाथी पास के चुनुरमुंडा जंगल में हैं। उनके गांव की ओर आने से ग्रामीणों में आतंक बना हुआ है।

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