सरकारी संस्थाओं पर चार हजार करोड़ का टीडीएस बकाया

राज्य सरकार की विभिन्न संस्थाओं की ओर से टीडीएस का भुगतान नहीं किया जा रहा है। सरकारी संस्थाओं पर चार हजार करोड़ से अधिक का टीडीएस बकाया है। दस साल से अधिक समय से इसमें सुधार नहीं हुआ है जिससे इसमें लगातार बढोतरी हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:56 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:56 AM (IST)
सरकारी संस्थाओं पर चार हजार करोड़ का टीडीएस बकाया
सरकारी संस्थाओं पर चार हजार करोड़ का टीडीएस बकाया

जासं, राउरकेल : राज्य सरकार की विभिन्न संस्थाओं की ओर से टीडीएस का भुगतान नहीं किया जा रहा है। सरकारी संस्थाओं पर चार हजार करोड़ से अधिक का टीडीएस बकाया है। दस साल से अधिक समय से इसमें सुधार नहीं हुआ है, जिससे इसमें लगातार बढोतरी हो रही है। सरकार को पत्र लिखकर बार-बार अवगत कराने के बावजूद पहल नहीं होने की बात आयकर आयुक्त ओडिशा श्याम सुंदर मोहन लाल केसकामत ने टीडीएस दाखिल करने की प्रक्रिया एवं इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंड विधान के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम में कही।

आयकर आयुक्त ने कहा कि सरकारी संस्थाओं की तुलना में गैर सरकारी संस्थाओं का टीडीएस बकाया इससे काफी अधिक है। टीडीएस का भुगतान करना अनिवार्य है एवं जितना समय अधिक होगा इसका परिमाण उतना अधिक होता जाएगा। टीडीएस भुगतान जरूरी है एवं इसका दूसरा विकल्प भी नहीं है। इसलिए आय के स्त्रोत पर काटा गया टीडीएस निर्धारित समय पर ही भुगतान करना उचित है। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंड विधान भी है। होटल मेफेयर में आयोजित कार्यक्रम में आयकर अधिकारी भुवनेश्वर मलय बेहरा, सुमन सुंदर साहू ने भी आयकर की नियमावली पर अपने विचार रखे। राउरकेला चार्टड एकाउंटेंट संघ के अध्यक्ष राजेश पटनायक, राउरकेला टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे। आयकर अधिकारी टीडीएस राउरकेला की ओर से जागरूकता के लिए दो अधिवेशन आयोजित किए गए। पहले अधिवेशन में जिले के प्रमुख सरकारी अधिकारी व कर्मचारी तथा दूसरे अधिवेशन में विभिन्न राष्ट्रीय उद्योग सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों के अधिकारी, कर्मचारी शामिल थे। उन्हें टीडीएस काटने व ठीक समय पर उसे जमा करने के संबंध में बताया गया। राउरकेला आयकर अधिकारी टीडीएस कल्पतरु सासमल ने इसका संचालन किया जबकि आयकर निरीक्षक मनीष कुमार एवं आयकर कार्यालय अधीक्षक रत्नाकर सामल ने इसके संचालन में सहयोग किया।

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