पति की दीर्घायु संग सुख समृद्धि की कामना
पति की लंबी आयु वैवाहिक जीवन और सुख-समृद्धि के लिए सुहागिनों ने रविवार को निर्जला करवा चौथ व्रत रखा।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : पति की लंबी आयु, वैवाहिक जीवन और सुख-समृद्धि के लिए सुहागिनों ने रविवार को निर्जला करवा चौथ व्रत रखा। शाम को सामूहिक पूजा अर्चना करने के बाद व्रतियों ने रात को चांद दर्शन और पूजा के बाद व्रत तोड़ा। ऐसी मान्यता है कि चंद्र दर्शन और चांद को अर्घ्य देने से पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शहर में रहने वाले पंजाब, राजस्थान एवं उत्तरप्रदेश के प्रवासी परिवारों की महिलाओं ने यह व्रत किया। इसे लेकर परिवारों में उत्सव का माहौल रहा।
करवा चौथ पर सुहागिनों ने करवा माता की पूजा और छलनी से रात के समय चलनी पर चांद का दर्शन कर पति की लंबी आयु व परिवार में सुख शांति की कामना की। शास्त्रों के अनुसार अग्नि पृथ्वी पर सूर्य का बदला हुआ रूप है। मान्यता है कि अग्निदेव को साक्षी मानकर उसकी मौजूदगी में की गई पूजा अवश्य सफल होती है। प्रकाश ज्ञान का प्रतीक भी है। ज्ञान प्राप्त होने से अज्ञान रूपी मनोविकार दूर होते हैं, जीवन के कष्ट मिटते हैं। दीपक जलाने से नकारात्मकता दूर होती है, एवं पूजा में ध्यान केंद्रित होता है जिससे एकाग्रता बढ़ती है। इसके अलावा कुछ महिलाएं छलनी में दीपक रखकर चांद को देखती हैं और फिर पति का चेहरा देखती हैं। कथा के अनुसार वेदवर्मा की विवाहिता पुत्री वीरवती ने करवा चौथ व्रत किया था। नियम के अनुसार चंद्रोदय के बाद भोजन करना था। उसके भाई उसे प्रेम करते थे और उसकी व्याकुलता देख कर पीपल के पेड़ की आड़ में चांद सा दीपक जलाया और उसे भोजन करा दिया। इसके बाद वीरवती का पति अदृश्य हो गया। 12 महीने बाद जब उसने कठिन करवा चौथ व्रत किया तो उसे पति फिर से प्राप्त हुआ। राउरकेला शहर में होटल मौर्या के पीछे, बिरसा डाहर रोड में शर्मा महिला मंडल की ओर से सामूहिक पूजा अर्चना की गई। इसी तरह शहर व आसपास के प्रवासी परिवार की महिलाओं ने सामूहिक व व्यक्तिगत रूप से घरों में करवा चौथ कथा सुनने के साथ ही कठिन व्रत का पालन किया।