आरएसपी ने जीता ग्रीनटेक एनर्जी कंजर्वेशन अवार्ड
राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) द्वारा प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाने के लिए ऊर्जा की खपत को कम करने और ऊर्जा संरक्षण हेतु अपनाई गई उत्कृष्ट पहल के लिए ग्रीनटेक फाउंडेशन द्वारा प्लैटिनम श्रेणी में प्रतिष्ठित ग्रीनटेक एनर्जी कंजर्वेशन अवार्ड 2021 जीता है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) द्वारा प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाने के लिए ऊर्जा की खपत को कम करने और ऊर्जा संरक्षण हेतु अपनाई गई उत्कृष्ट पहल के लिए ग्रीनटेक फाउंडेशन द्वारा प्लैटिनम श्रेणी में प्रतिष्ठित ग्रीनटेक एनर्जी कंजर्वेशन अवार्ड 2021 जीता है। यह घोषणा आरएसपी को लिखित सूचना के रूप में आई है।
उल्लेखनीय है कि ऊर्जा प्रबंधन के बारे में गहन ज्ञान रखने वाले आरएसपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीपक चट्टराज के मार्गदर्शन में राउरकेला इस्पात संयंत्र ने अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाकर ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए विभिन्न उपक्रमों में कदम रख कर प्रदूषण मुक्त वातावरण सुनिश्चित किया है।
प्रतियोगिता दो भागों में बंटी थी। पहले चरण में आवेदन दस्तावे•ा जमा करने के बाद दूसरा और अंतिम दौर प्रस्तुति सहित प्रश्नोत्तरी सत्र था। प्रस्तुति महाप्रबंधक (ईएमडी) केके पांडेय की देखरेख में सहायक महाप्रबंधक/उप प्रबंधक (ईएमडी) बीपी पांडे के नेतृत्व में ऊर्जा प्रबंधन टीम और महाप्रबंधक (बीई) चैताली दास के नेतृत्व में बिजनेस एक्सीलेंस टीम द्वारा संयुक्त रूप से पेश किया गया। निर्णायक मंडल ने आरएसपी टीम की स्थापना के बाद से उच्चतम बीएफ गैस उत्पादन प्राप्त करने, पावर ब्लोइंग स्टेशन से बिजली उत्पादन में वृद्धि और बैटरी-6 के लिए कम अनियंत्रित बीएफ गैस दबाव-6 को कम करने के लिए भरपूर सराहना की।
इसे प्राप्त करने के लिए ईएमडी टीम ने पूरी प्रणाली का अध्ययन किया और आधुनिकीकरण क्षेत्र में बीएफ ग्रिड दबाव के संबंध में बीएफ गैस लाइन से बैटरी-6 का दबाव सर्वेक्षण किया। ईएमडी टीम ने इंस्ट्रूमेंटेशन विभाग के साथ ओरिफिस को फिर से डिजाइन किया और उसे कोक ओवन की मदद से बदल दिया। ईएमडी टीम ने ब्लास्ट फर्नेस विभाग के साथ संयुक्त रूप से बीएफ.-5 फ्लेयर स्टैक पीवीसी सेट प्वाइंट को 800 एमएमडब्ल्यूसी से बढ़ाकर 900 एमएमडब्ल्यूसी कर दिया। परिणामस्वरूप, जुलाई 2020 में बीएफ गैस की पैदावार बढ़कर 1685 एनएम 3/टीएचएम हो गई जोकि स्थापना के बाद से अब तक का सबसे अच्छा था। पीबीएस बिजली उत्पादन 25 मेगावाट तक चला गया, सीपीपी -1 में कोयले की खपत 4 हजार प्रति माह तक कम हो गई। बीएफ-5 से बीएफ गैस का काफी हद तक सफाया कर दिया गया था और चिमनी धूम्रपान को रोका गया था। इन सब से संयंत्र को पर्याप्त बचत प्राप्त हुई है।