दिल्ली पब्लिक स्कूल डीपीएस सोसाइटी की सूची से बाहर

नगर स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल को नई दिल्ली के डीपीएस सोसाइटी की सूची से बाहर कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Jul 2021 09:39 PM (IST) Updated:Sat, 10 Jul 2021 09:39 PM (IST)
दिल्ली पब्लिक स्कूल डीपीएस सोसाइटी की सूची से बाहर
दिल्ली पब्लिक स्कूल डीपीएस सोसाइटी की सूची से बाहर

जागरण संवाददाता, राउरकेला : नगर स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल को नई दिल्ली के डीपीएस सोसाइटी की सूची से बाहर कर दिया गया है। सोसाइटी एवं प्रबंधन के बीच तालमेल की कमी के कारण ऐसा होने की बात कही जा रही है। स्कूल प्रबंधन कमेटी में राउरकेला इस्पात संयंत्र के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व मुख्य महाप्रबंधक जैसे अधिकारी भी शामिल हैं। सूची से बाहर होने से सोसाइटी के साथ इसकी संबंद्धता को लेकर भी संदेह प्रकट किया जा रहा है।

राउरकेला इस्पात संयंत्र के सहयोग से 1993 में सेक्टर-18 में दिल्ली पब्लिक स्कूल की स्थापना की गई थी। बाद में इसका स्थानांतरण सेक्टर-14 में किया गया। सीबीएसई बोर्ड से पंजीकृत इस स्कूल में चार हजार से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं तथा प्रबंधन का दायित्व आरएसपी पर है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष तथा कार्मिक व प्रशासनिक विभाग के मुख्य महाप्रबंधक उपाध्यक्ष होते हैं। आरएसपी कर्मचारियों के बच्चों को यहां नामांकन व फीस में विशेष छूट मिलती है। यहां डेढ़ सौ से अधिक कर्मचारी व शिक्षक कार्यरत हैं। डीपीएस के ब्रांड के इस्तेमाल के लिए प्रबंधन की ओर से सोसाइटी से संबंद्धित फीस के रूप में हर साल साढ़े पांच लाख रुपये भुगतान करना पड़ता है। दिल्ली पब्लिक स्कूल की ओर से ओडिशा के दामनजोड़ी, ढेंकानाल, कलिगनगर, नाल्कोनगर, पारादीप रिफाइनरी दिल्ली पब्लिक स्कूल का नाम सूची में रखा गया है जबकि राउरकेला स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल का नाम इससे अलग कर दिया गया है। वर्तमान में इस स्कूल को सीबीएसई की मान्यता प्राप्त है। इस कारण विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने में असुविधा नहीं होगी पर दिल्ली पब्लिक स्कूल का लोगो एवं ब्रांड के इस्तेमाल से वंचित होना पड़ सकता है। हालांकि प्रबंधन कमेटी को सूची से बाहर करने के संबंध में सोसाइटी की ओर से कुछ सूचना या पत्राचार नहीं किया गया है। प्रबंधन कमेटी की ओर से इस पर सोसाइटी के साथ संपर्क किया जा रहा है। स्कूल का नाम दिल्ली पब्लिक स्कूल सोसाइटी की सूची से बाहर करने का मामला प्रबंधन कमेटी व सोसाइटी के बीच का है। सोसाइटी को हर साल साढ़े पांच लाख रुपये स्कूल को भुगतान करना पड़ता है। इसमें किसी तरह का बकाया नहीं है। ब्रांड का इस्तेमाल होगा या नहीं, यह समय आने पर ही पता चलेगा। आपसी तालमेल की कमी के कारण ऐसा हुआ है जिसका समाधान कर लेने की उम्मीद है।

- सिद्धार्थ रथ, प्रिसिपल, दिल्ली पब्लिक स्कूल, राउरकेला।

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