रेफरल अस्पताल बन गया बणई अनुमंडलीय अस्पताल

सुंदरगढ़ जिले के बणई अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों की कमी के कारण रोगी सेवा प्रभावित हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 09:40 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 09:40 AM (IST)
रेफरल अस्पताल बन गया बणई अनुमंडलीय अस्पताल
रेफरल अस्पताल बन गया बणई अनुमंडलीय अस्पताल

जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले के बणई अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों की कमी के कारण रोगी सेवा प्रभावित हो रही है। स्वीकृत पदों का आधे चिकित्सक एवं कर्मियों के यहां होने के कारण उन पर काम का बोझ भी अधिक है। इलाज के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण गंभीर मरीजों को यहां से राउरकेला सरकारी अस्पताल भेज दिया जाता है। कोरोना काल में भी लोगों को हो रही परेशानी दूर करने के लिए बणई नागरिक कमेटी की ओर से शीघ्र चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग की गई है।

बणई स्थित 85 बेड वाले अस्पताल में 14 चिकित्सक, 10 स्टाफ नर्स, चार फर्मासिस्ट, तीन लैब टेक्नीशियन, दो मुख्य किरानी, पांच स्वीपर, 10 अटेंडेंट पद स्वीकृत हैं। चिकित्सक के सात, नर्स के दो, फर्मासिस्ट के एक, अटेंडेंट के तीन, स्वीपर के तीन पद रिक्त हैं। जिला खनिज कोष से एक दवा विशेषज्ञ एवं एक स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति की गई है। एक दवा विशेषज्ञ पदोन्नति पाकर जा चुके हैं उनके स्थान पर नया चिकित्सक नहीं दिया गया। चिकित्सक नहीं होने के कारण यहां मरीजों की भीड़ रहती है। एक स्त्री रोग विशेषज्ञ, एक एएनएम, एक फर्मासिस्ट दो साल से डेपुटेशन पर राउरकेला सरकारी अस्पताल भेजे गए हैं। एक अटेंडेंट सुंदरगढ़ मुख्य चिकित्सालय डेपुटेशन पर भेजा गया है। पहले से कर्मियों की कमी से दबाव झेल रहे अनुमंडलीय अस्पताल से डेपुटेशन पर बाहर भेजने से समस्या जटिल हो गई है। बणई अनुमंडलीय अस्पताल में हर दिन 250 से 300 मरीज इलाज के लिए आते हैं। चिकित्सा की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण गंभीर मरीजों को तुरंत राउरकेला सरकारी अस्पताल रेफर करना पड़ रहा है। नागरिक कमेटी के रुद्रनारायण बारिक, प्रद्युम्न त्रिपाठी, अनिल वार्ला, अनिरुद्ध त्रिपाठी, श्रीकांत दांडिया, उग्रसेन किसान, तुषार साहू, हिमांशु साहू, दिलीप त्रिपाठी, जितेन्द्र आचार्य, प्रदीप मिश्र आदि लोगों ने जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर समस्या के समाधान को पहल करने की मांग की गई है। शीघ्र कदम नहीं उठाने पर उपजिलापाल कार्यालय के समक्ष धरना देने की बात कही है।

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