जिले के 168 स्कूलों के विलय पर पुनर्विचार

छात्र-छात्राओं की कम संख्या के चलते सुंदरगढ़ शिक्षा विभाग की ओर से आनन-फानन में स्कूलों के दूसरे स्कूल में विलय तथा उन स्कूलों के शिक्षकों को नए स्कूल में भेजने का निर्णय लिया गया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 09:20 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 09:20 AM (IST)
जिले के 168 स्कूलों के विलय पर पुनर्विचार
जिले के 168 स्कूलों के विलय पर पुनर्विचार

जागरण संवाददाता, राउरकेला : छात्र-छात्राओं की कम संख्या के चलते सुंदरगढ़ शिक्षा विभाग की ओर से आनन-फानन में स्कूलों के दूसरे स्कूल में विलय तथा उन स्कूलों के शिक्षकों को नए स्कूल में भेजने का निर्णय लिया गया था। बच्चों के स्कूल नहीं होने के कारण 168 स्कूलों के मामले में पुनर्विचार किया गया एवं फिर से उन्हें चालू किया गया है। इसमें सबसे अधिक लेफ्रीपाड़ा ब्लॉक में 19, बड़गांव में 10, गुरुंडिया में 17, हेमगिर ब्लॉक में 13 स्कूल शामिल हैं।

जिले में कम विद्यार्थी वाले स्कूलों को बंद करने व उनका पास के स्कूलों में विलय करने की योजना पर काम किया जा रहा था। इस योजना में 168 स्कूलों को शामिल कर उन्हें दूसरे स्कूल में विलय कर इनके बच्चों को भी नए स्कूल में भेजने की योजना थी। जिस इलाके के बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं एवं पढ़ाई छोड़ रहे हैं उन क्षेत्रों में स्कूलों को बंद करने से बच्चों को स्कूल लाना संभव नहीं होगा। बच्चे पढ़ाई करने के बजाय छोड़ने लगेंगे। इसे देखते हुए विभाग की ओर से फैसले पर पुनर्विचार किया गया एवं उन सभी 168 स्कूलों को फिर से खोलने का निर्णय लिया गया। इस स्कूलों में कोइड़ा के तीन, कुआरमुंडा के सात, लाठीकटा ब्लॉक के नौ, नुआगांव के 14, सुदरगढ़ सदर ब्लॉक के 16, टांगरपाली ब्लॉक के 17 स्कूलों को फिर से खोला गया है। कुतरा ब्लॉक, राजगांगपुर व सुंदरगढ़ नगरपालिका में एक-एक ऐसे स्कूल हैं। राउरकेला महानगर निगम एवं बीरमित्रपुर नगरपालिका में दो-दो स्कूल, बालीशंकरा व राजगांगपुर ब्लॉक क्षेत्र में आठ-आठ स्कूलों को चालू किया गया है। पुराने स्कूलों को बंद कर नए स्कूलों में विलय होने से विद्यार्थी वहां जाकर पढ़ाई करने में संकोच कर रहे थे। अभिभावकों की मांग पर विभाग की ओर से यह निर्णय लिया गया है।

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