बन जा दादीजी का सर्वेट, नौकरी कर लो परमानेंट ..
श्री राणी सती दादी ट्रस्ट की ओर से राणी सती के तीन दिवसीय मंगसिर नवमी उत्सव का समापन भजन संध्या के साथ हुआ। इसमें कोलकाता व राउरकेला के भजन गायकों ने भक्ति गीतों पर श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया। समापन समारोह में रुक्मिणी विवाह की झांकी तथा राणी सती दादी का श्रृंगार आकर्षण का केन्द्र रहा। तीन दिन के कार्यक्रम में बीरमित्रपुर तथा देश के अन्य शहरों से भी बड़ी संख्या में दादी के भक्त पहुंचे और पूजा अर्चना की।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : श्री राणी सती दादी ट्रस्ट की ओर से राणी सती के तीन दिवसीय मंगसिर नवमी उत्सव का समापन भजन संध्या के साथ हुआ। इसमें कोलकाता व राउरकेला के भजन गायकों ने भक्ति गीतों पर श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया। समापन समारोह में रुक्मिणी विवाह की झांकी तथा राणी सती दादी का श्रृंगार आकर्षण का केंद्र रहा। तीन दिन के कार्यक्रम में बीरमित्रपुर तथा देश के अन्य शहरों से भी बड़ी संख्या में दादी के भक्त पहुंचे और पूजा अर्चना की।
झुझनू धाम राणी सती मंदिर में गुरुवार की शाम को दादी का भव्य श्रृंगार किया गया। इस मौके पर तरह तरह की झांकी प्रस्तुत की गयी। शाम को भजन संख्या का कार्यक्रम हुआ जिसमें दरबारी गायक लालजी शर्मा, कोलकाता के जयशंकर चौधरी एवं अभिजीत ने भक्ति गीतों से उपस्थित भक्तों को भक्तिरस से सराबोर कर दिया। 'बनजा दादी को सर्वेंट, नौकरी कर लो परमानेंट', 'दादी देगी सांवरिया डॉलर में पेमेंट' गीत पर भक्त जमकर नाचे गाए। 'आसमान से ऊंची इस मंदिर की शान है', 'सर्व सुहागन दीप लेकर करे तेरा सम्मान', 'अब तो मजबूरी हो गयी ह,ै मैया से मेरी पहचान पूरी हो गयी', 'ओ रंग दे रे भया ओ रंग दे दादी जी के हाय नहीं भूल गए', 'झुंझनूवाली के गजरा को चुनकर फूल लाए बगिया से' आदि गीतों को अधिक पसंद किया गया। मुख्य ट्रस्टी गोपाल तुलस्यान के साथ मंदिर से जुड़े भक्तों ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में अहम भूमिका निभायी।