सलंगाबहाल में चल रहा फर्जी क्लिनिक सील
कोरोना संक्रमण काल में इलाज के प्रति सरकारी अव्यवस्था का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में झोला छाप डॉक्टर उठा रहे है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोरोना संक्रमण काल में इलाज के प्रति सरकारी अव्यवस्था का लाभ ग्रामीण क्षेत्रों में झोला छाप डॉक्टर उठा रहे है। इनके द्वारा कोविड से लेकर सभी तरह के बीमारी का इलाज किया जा रहा है। इसी तरह का एक फेक क्लिनिक रायबोगा थाना क्षेत्र के सलंगाबहाल इलाके में चल रहा था। इसकी शिकायत मिलने पर रायबोगा पुलिस ने तहसील कर्मियों की मदद से क्लिनिक को सील कर दिया है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद आरोपित डॉक्टर फरार हो गया है। जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। जांच में पुलिस को पता चला है कि कोलकाता से आया कोई व्यक्ति खुद को डॉक्टर बताते हुए बगैर कोई सार्टिफिकेट के यहां पर काफी समय से अवैध तरीके से क्लिनिक चला रहा था। उसके द्वारा कोविड मरीजों से लेकर गर्भपात व अन्य सभी बीमारियों का इलाज किया जा रहा था।
राउरकेला के आसपास के इलाके खासकर नुआगां प्रखंड, बिसरा प्रखंड, लाठकटा प्रखंड, कुआरमुंडा प्रखंड आदि इलाकों में झोला छाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आई हुई है। झोला छाप डॉक्टरों पर कार्यवाही के बाद कईयों ने पेशा बदलकर दिखावे के तौर पर होम्योपैथिक डॉक्टर का चोला ओढ़ लिया है। लेकिन इनका मुख्य काम गैरकानूनी गर्भपात करना रह गया है। यह लोग अपने क्लिनिक में गैरकानूनी तौर पर दवा का स्टॉक भी रखे हुए है।
राउरकेला जेल को सप्ताह में दो बार किया जा रहा सैनिटाइज : कोविड संक्रमण के मद्देनजर शहर में व्यापक रूप से सैनिटाइजेशन अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में राउरकेला स्पेशल जेल भी शोधन प्रक्रिया को प्राथमिकता दी गई है। राउरकेला महानगर निगम के कर्मचारी सप्ताह में दो बार जेल में जाकर शोघन व सफाई कर रहे हैं। जेल में आने वाले कैदियों का एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है। इसके अलावा, उन्हें 14 दिनों के लिए विशेष वार्डों में रखा जा रहा है। इसके अलावा, जेल में पहले से रह रहे कैदियों में कोविड के लक्षण देखे जाने पर उन्हें सात दिनों के लिए अलग रखा जाता है।