आरएसपी के 'कविता कुंज' में दिखा लघु भारत

कौमी एकता सप्ताह के उपलक्ष्य में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के कर्मचारियों और आरएसपी स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 08:09 AM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 08:09 AM (IST)
आरएसपी के 'कविता कुंज' में दिखा लघु भारत
आरएसपी के 'कविता कुंज' में दिखा लघु भारत

जागरण संवाददाता, राउरकेला : कौमी एकता सप्ताह के उपलक्ष्य में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) के कर्मचारियों और आरएसपी स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया। उल्लेखनीय है कि आरएसपी और इसके टाउनशिप देश भर के विविध सांस्कृतिक और जातीय समूहों का एक सुंदर समागम है जो एक साथ मिलकर राष्ट्र निर्माण के प्रयास में अपना योगदान दे रहे हैं।

राउरकेला स्टील टेलीविजन सेंटर (आरएसटीवी) में एक बहुभाषी कविता पाठ कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से संबंधित कर्मचारियों और उनके परिवारों के सदस्यों ने विभिन्न भारतीय भाषाओं के प्रसिद्ध कवियों द्वारा लिखी गई कविताओं को प्रस्तुत किया। कविता कुंज नामक इस कार्यक्रम में संयंत्र की लघु भारत (मिनी इंडिया) प्रकृति और संस्कृति को प्रदर्शित किया गया।

राउरकेला स्टील टेलीविजन सेंटर में एक अन्य कार्यक्रम संस्कृति की सुरभि का भी आयोजन किया गया। जिसमें इस्पात इंग्लिश मीडियम स्कूल (जूनियर सेक्शन), सेक्टर-18 के छात्रों ने देश के सांस्कृतिक सद्भाव का बहुरूप दर्शक प्रस्तुत किया। भारत के विभिन्न राज्यों की पारंपरिक वेशभूषा में उन्होंने उस क्षेत्र से जुड़े शास्त्रीय, लोक नृत्यों के प्रदर्शन के अलावा संबंधित राज्यों और उनकी संस्कृति के बारे में बात की। विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुश्रीता दास के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा छात्रों को अपनी जड़ों से जोड़ने के साथ-साथ एक दूसरे की संस्कृति की सराहना करना है। प्रबंधक (जन संपर्क) सीके शर्मा के नेतृत्व में आरएसटीवी सामूहिक ने दोनों कार्यक्रमों का समन्वय किया।

गौरतलब है कि कौमी एकता सप्ताह या सांप्रदायिक सद्भाव सप्ताह पूरे देश में 19 से 25 नवंबर तक मनाया गया। आरएसपी के विभिन्न विभागों में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किए गए जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने भाग लिया और खुद को शपथ दिलाई कि वे विभिन्न जाति, पंथ, क्षेत्र, धर्म या भाषा होने के बावजूद भारत के सभी लोगों की भावनात्मक एकता और सद्भाव के लिए काम करेंगे। उन्होंने अहिसा को अपनाते हुए बातचीत और संवैधानिक माध्यमों से आपस में सभी मतभेदों को हल करने का भी संकल्प लिया।

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