माल परिवहन को ले वाहन मालिकों में विवाद
राउरकेला इस्पात संयंत्र से विभिन्न शहरों में माल परिवहन को लेकर राउरकेला ट्रक ऑनर एसोसिएशन आरटीओए एवं वेदव्यास ट्रक ऑनर एसोसिएशन वीटीओए में दो दिन से विवाद शुरु हो गया है। वीटीओए की ओर से आरटीओए के दस पहिया से ऊपर के वाहनों से माल परिवहन का विरोध किया जा रहा है वहीं आरटीओए की ओर से व्यापारियों की मांग पर सभी तरह के वाहन देने की बात कही जा रही है। दोनों संगठनों के विवाद पर पुलिस नजर रख रही है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र से विभिन्न शहरों में माल परिवहन को लेकर राउरकेला ट्रक ऑनर एसोसिएशन (आरटीओए) एवं वेदव्यास ट्रक ऑनर एसोसिएशन (वीटीओए) में दो दिन से विवाद शुरू हो गया है। वीटीओए की ओर से आरटीओए के दस पहिया से ऊपर के वाहनों से माल परिवहन का विरोध किया जा रहा है वहीं आरटीओए की ओर से व्यापारियों की मांग पर सभी तरह के वाहन देने की बात कही जा रही है। दोनों संगठनों के विवाद पर पुलिस नजर रख रही है।
राउरकेला इस्पात संयंत्र से माल परिवहन पर वर्चस्व को लेकर दोनों संगठनों के बीच दो दिन से विवाद चल रहा है। वीटीओए के सदस्य आरटीओए के छह पहिया से ऊपर के वाहनों को रोकने लगे जिसे लेकर तनाव उत्पन्न हो गया। सूचना मिलने पर प्लांट साइट पुलिस मौके पर पहुंचकर आपस में इसका समाधान करने का परामर्श दिया गया। समस्या का समाधान नहीं निकलने के कारण दूसरे दिन भी वाहन मालिक ट्रैफिक गेट के पास खड़े रहे एवं अपनी वाहनों का नंबर में लाने की प्रतीक्षा करते रहे। पुलिस प्रशासन की ओर से इस समस्या का शीघ्र समाधान नहीं होने पर यहां विवाद और गहराने की आशंका जतायी जा रही है।
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आरटीओए की ओर से छह पहिया वाहनों से माल परिवहन किया जा रहा था पर अब दस पहिया से ऊपर के वाहन इसमें लगाए जा रहे हैं। जो आरटीओए के सदस्य नहीं हैं उनका वाहन भी यहां लग रहा है जिस कारण वीटीओए के सदस्यों के वाहनों को माल नहीं मिल रहा है एवं आठ-दस दिन से वाहन खड़ी हैं। पुलिस प्रशासन से शिकायत के बाद भी पहल नहीं की जा रही है।
- उमेश कुमार सिंह, महासचिव, वीटीओए।
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आरटीओए चार दशक से अधिक समय से संयंत्र से माल परिवहन करा रहा है। वीटीओए अपने फायदे के लिए अब उनके काम में अड़चन डाल रहा है। आरटीओए व्यापारियों की मांग के अनुसार वाहन दे रहे हैं। वीटीओए को इसमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए। यदि उन्हें माल चाहिए हो व्यापारियों से संपर्क करें एवं ऑर्डर लें और परिवहन करें इसमें उन्हें आपत्ति नहीं है।
-सुभाष दास, अध्यक्ष, आरटीओए।