टेलीमेडिसिन सेवा का लोगों को नहीं मिल रहा लाभ

सुंदरगढ़ जिला तथा स्मार्ट सिटी राउरकेला में महामारी कोरोना के संक्रमण पर ब्रेक नहीं लग रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 11:33 PM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 11:33 PM (IST)
टेलीमेडिसिन सेवा का लोगों को नहीं मिल रहा लाभ
टेलीमेडिसिन सेवा का लोगों को नहीं मिल रहा लाभ

जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिला तथा स्मार्ट सिटी राउरकेला में महामारी कोरोना के संक्रमण पर ब्रेक नहीं लग रहा है। संक्रमण को रोकने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। सरकारी अस्पतालों में भीड़ कम करने के साथ स्वास्थ्य सेवा को लोकाभिमुखी करने के लिए टेलीमेडिसिन सेवा आरंभ की गई है। लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में इसके संबंध में बहुत ही कम लोगों को जानकारी है। इसलिए इस सेवा की सुविधा मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। आश्चर्य का विषय है कि लोगों का जीवन निर्भर करने वाले आरंभ हुए इस तरह के कार्यक्रम के प्रचार प्रसार के लिए जिला प्रशासन उदासीन है। इस संबंध में किसी तरह का विज्ञापन तक प्रकाशित नहीं किया गया है। इसलिए आदिवासी बहुल सुंदरगढ़ जिले में टेलीमेडिसिन सेवा क्या है, इसके बारे में अधिकांश लोगों को जानकारी ही नहीं है। फलस्वरूप सुंदरगढ़ मुख्य व राउरकेला सरकारी अस्पताल में टेलीमेडिसिन सेवा नाम मात्र ही चल रहा है। जो कि मरीजों के द्वारा यह कॉल किए गए संख्या से ही स्पष्ट हो जा रहा है।

राउरकेला सरकारी अस्पताल में 212 कॉल : सुंदरगढ़ मुख्य चिकित्सालय की टेलीमेडिसिन सेवा केंद्र में 6 मई से 10 अगस्त के बीच मात्र 40 कॉल ही आया है। कोरोना प्रकोप के बाद सरकारी आदेश आने के बाद 23 दिन के भीतर केवल 12 कॉल ही आए थे। राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) में कॉल संख्या सुंदरगढ़ की अपेक्षा थोड़ा अधिक जरूर है। 20 जुलाई से 12 अगस्त तक 24 दिनों के भीतर यहां 212 कॉल आए हैं। इनमें से 130 पुरुष, 67 महिला व 15 शिशु रोग से जुड़े कॉल थे। खास बात यह है कि इन सभी कॉल में बहुतायत झारखंड, कालाहांडी, क्योंझर व सुंदरगढ़ से आई हैं। इस तरह देखा जाए तो राउरकेला सरकारी अस्पताल को दैनिक 8 से 10 कॉल ही आए हैं। जिसमें से कुछ ने मैसेज, कुछ ने प्रसूति विभाग के डॉक्टर से परामर्श लिया था। जबकि कुछ ने शिशु, चर्म व हड्डी रोग विभाग के डॉक्टरों से परामर्श लिया है। उनके प्रिस्क्रिप्शन के अनुसार दवा निरामय केंद्र से लेकर उन्होंने खाया है। जबकि गंभीर रोगी इस सेवा को पाने से वंचित हुए हैं। कुछ गंभीर रोगी डॉक्टरों के सुझाव पर सरकारी अस्पताल आकर विभागीय डॉक्टर से अपने स्वस्थ का परीक्षा कराए थे।

प्रखंडों से नहीं आ रहे मरीजों को कॉल : शहर को छोड़ दें तो आसपास के प्रखंड से इस तरह की कॉल आने की बात सामने नहीं आई है। सुंदरगढ़ मुख्य अस्पताल में दिन में एक से दो कॉल भी नहीं आ रहे हैं। टेलीमेडिसिन सेवा का लाभ उस समय लोगों तक पहुंच पाएगा जब सरकार इसके प्रचार-प्रसार पर अधिक महत्व देगी। नहीं तो यह सेवा केवल शहर में ही गिने चुने लोगों के बीच सीमित रह जाएगा। दूसरी और दूरदराज के प्रखंड के अधिकांश गरीब लोगों को व्हाट्सएप किया है इसकी जानकारी नहीं है। उनके पास एंड्रॉयड मोबाइल फोन की सुविधा भी नहीं है। कोरोना प्रतिबंध के चलते कई माह से लोग बेरोजगार होकर बैठे हुए हैं। किस तरह वे डॉक्टरों का प्रिस्क्रिप्शन पाएंगे तथा निरामय केंद्र से दवा लाकर खाएंगे, इसे लेकर आम लोगों में प्रश्न उठना स्वाभाविक है। अधिकांश डॉक्टर कोरोना के प्रभार में है, जिसके कारण वे टेली परामर्श के लिए उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। आरजीएच में 4 घंटा कर दो डॉक्टरों को टेलीमेडिसिन का प्रभार दिया जा रहा है। जोकि केवल अपने विभाग के मरीजों को ही सलाह दे पा रहें है। उधर, आरजीएच में आने को लेकर लगी रोक व जिले के अधिकांश निजी क्लिनिक, नर्सिंग होम बंद रहने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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