बिजली उपभोक्ताओं पर अत्याचार व हमले से आक्रोश

निजी संस्था को बिजली बिल वसूली की जिम्मेदारी देने के बाद उपभोक्ताओं पर अत्याचार बढ़ा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 08:54 AM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 08:54 AM (IST)
बिजली उपभोक्ताओं पर अत्याचार व हमले से आक्रोश
बिजली उपभोक्ताओं पर अत्याचार व हमले से आक्रोश

जागरण संवाददाता, राउरकेला : निजी संस्था को बिजली बिल वसूली की जिम्मेदारी देने के बाद उपभोक्ताओं पर अत्याचार बढ़ा है। लोगों से जबरन बिल वसूला जा रहा है एवं नहीं देने पर बिजली काट दी जा रही है। गोपबंधुपल्ली के हनुमान मंदिर के पास बिजली कर्मियों के द्वारा उपभोक्ताओं पर हमला किया गया जिसमें तीन लोग जख्मी हो गए हैं। लगातार इस तरह की घटना बढ़ने से लोगों में आक्रोश है। एसयूसीआइ जिला शाखा की ओर से इसके खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी गई है।

एसयूसीआइ की राज्य कमेटी की सदस्य छवि महंती, जिला कमेटी सदस्य अजीत नायक, सत्यप्रिय महंती, विष्णु पंडा आदि ने कहा है कि कोरोना काल में आम लोगों के पास घर का खर्चा चलाने के लिए पैसे नहीं है। इस बीच बिजली बोर्ड को भंग कर सरकार की ओर से निजी संस्था को बिल की वसूली का जिम्मा दिया गया है। कंपनी के द्वारा असामाजिक तत्वों को वसूली के लिए नियोजित किया गया है जिनके द्वारा जबरन बिल वसूला जा रहा है। पैसा नहीं देने पर उपभोक्ताओं को धमकी दी जा रही है। बिल का भुगतान करने पर भी बिजली का कनेक्शन नहीं जोड़ा जा रहा है। इसका विरोध करने पर गोपबंधुपल्ली में बिजली कर्मियों के हमले में आकाश साहणी, रोहित साहणी एवं गणेश साहणी को चोट लगी है एवं उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। प्लांट साइट थाना की पुलिस के द्वारा इस मामले में बिजली कर्मचारी प्रकाश राम, शहीद खान, अनिल राव, वाई महेश राव एवं पंकज पासवान को गिरफ्तार किया गया है। जबकि मामले में छह आरोपितों की तलाश जारी है। शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि : छेंड कालोनी स्थित कलिग विहार में सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी संघ की ओर से छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी गई तथा जख्मी जवानों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की गई। संघ के उपाध्यक्ष यदुमणि प्रधान की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षाविद प्रो. शंकर प्रसाद त्रिपाठी मुख्य अतिथि थे एवं उन्होंने नक्सली समस्या तथा इसके समाधान पर अपने विचार रखे। साहित्यकार राजीव पाणी ने नक्सल समस्या एवं देश के अंदर मुठभेड़ में जवानों के शहीद होने पर गंभीरता से विचार करने पर जोर दिया। इसमें अशोक पटनायक, राजकुमार महंती, किशोरी मोहन कर, प्रताप राय, कीर्तन चंद्र सामल, सुमन दत्ता, नरहरि नायक, भगवान साहू, श्रीनिवास दास, खिरोद मिश्र, अनाथ राउत, विकास विहारी सामल, नीरद भूषण पटनायक, लक्ष्मीनाथ दास, पीतांबर पंडा समेत अन्य लोग शामिल थे।

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