या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता..

हनुमान वाटिका स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए बगैर भक्तों के मां वैष्णो देवी की श्रद्धा के साथ पूजा की जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 08:57 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 08:57 AM (IST)
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता..
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता..

जागरण संवाददाता, राउरकेला: हनुमान वाटिका स्थित मां वैष्णो देवी मंदिर में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए बगैर भक्तों के मां वैष्णो देवी की श्रद्धा के साथ पूजा की जा रही है। पंडित सुशांत महापात्र बताते हैं कि नवरात्र ही एक ऐसा पर्व है जिसमें माता दुर्गा, महाकाली, महालक्ष्मी और सरस्वती की साधना कर जीवन को सार्थक किया जा सकता है। इतिहास : हनुमान वाटिका में भी 74 फीट 9 इंच ऊंची प्रतिमा आकर्षण का केंद्र हैं। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि हनुमान वाटिका में देश के प्रख्यात मंदिरों के ढांचे में ही 21 मंदिरों का निर्माण किया गया है एवं देवी-देवताओं की पूजा की जा रही है। इसमें वैष्णो देवी मंदिर भी प्रमुख है इसकी स्थापना 1993 में की गई है। संस्थापक पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप राय, ट्रस्टी आरपी गुप्ता, निहार राय, गौरी शंकर अग्रवाल, नंदू अग्रवाल समेत अन्य लोगों के प्रयास से यहां इसे भव्य रूप देने का काम शुरू हुआ। नवरात्र पूजा का महत्व : पंडित सुशांत महापात्र बताते हैं कि नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा विशेष फलदायी है। अगर आप जीवन में भय एवं बाधाओं से परेशान है, तो यह मंत्र या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता,नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: का जाप करें। इन मंत्रों के उच्चारण से जीवन भय एवं बाधारहित होकर समस्त सुखों को प्राप्त करता है। मां दुर्गा के स्वरूपों का स्मरण करते हुए मंत्रों का जप नवरात्र के अलावा प्रतिदिन किया जाए तो अधिक से अधिक सफलता प्राप्त होती है। पंडित सुशांत महापात्र ने बताया कि मा वैष्णो देवी के प्रति भक्तों में आस्था है। यही वजह है कि पूरे साल यहां भक्त मां के दर्शन-पूजन के लिए आते हैं।

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