इस्पात निदान केंद्र में तब्दील हुआ पुराना प्रशासनिक भवन

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) की ओर से सेक्टर-22 स्थित अपने पुराने प्रशासनिक भवन को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 08:04 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 08:04 AM (IST)
इस्पात निदान केंद्र में तब्दील हुआ पुराना प्रशासनिक भवन
इस्पात निदान केंद्र में तब्दील हुआ पुराना प्रशासनिक भवन

जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) की ओर से सेक्टर-22 स्थित अपने पुराने प्रशासनिक भवन को कोरोना अस्पताल में तब्दील कर दिया गया है। इसका नामकरण इस्पात निदान केंद्र किया गया है। इसमें सौ बेड लगे हैं तथा आरएसपी के ऑक्सीजन प्लांट से पाइपलाइन से इसे जोड़ा गया है ताकि इनमें निरंतर ऑक्सीजन की आपूर्ति होती रहे। यहां के 50 बेड में वेंटिलेटर की सुविधा भी है। संयंत्र की ओर से इस अस्पताल को तैयार करने के बाद सरकार को सौंप दिया गया है। अब इसका संचालन राउरकेला सरकारी अस्पातल के अधीन ही हो रहा है।

कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोगों के संक्रमित होने तथा इलाज के लिए अस्पताल में ऑक्सीजन युक्त बेड व वेंटिलेटर की जरूरत को देखते हुए आरएसपी के सेक्टर-22 स्थित पुराने प्रशासनिक भवन को जंबो कोविड ट्रीटमेंट सेंटर में तब्दील करने का निर्णय लिया गया। 2 जून को तत्कालीन केंद्रीय इस्पात व पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने इस्पात निदान केंद्र नामक इस अस्पताल का लोकार्पण किया। सौ बेड वाले इस अस्पातल में निरंतर ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए संयंत्र के पाइपलाइन से इसे सीधे जोड़ा गया। इसके साथ ही केंद्र सरकार की पहल पर ही यहां 50 वेंटिलेटर बेड का प्रबंध किया गया है। इसके लोकार्पण कार्यक्रम में इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नव किशोर दास, सेल चेयरमैन सोमा मंडल के अलावा अन्य अधिकारी भी ऑनलाइन जुड़े थे एवं सभी ने इस प्रयास से शहर में राउरकेला इस्पात संयंत्र कर्मियों के साथ-साथ आम लोगों के इलाज की सुविधा मिल सकेगी। यह अस्पातल राज्य सरकार के अधीन कर दिए जाने के कारण राउरकेला सरकारी अस्पातल के जरिए इसका संचालन किया जा रहा है। अस्पातल में तीसरी लहर से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयारियां की गई है तथा जरूरत पड़ने पर इसकी क्षमता पांच सौ बेड तक की जा सकती है। राउरकेला सरकारी अस्पातल से मरीजों को हाइटेक मेडिकल कालेज कोविड अस्पताल, जेपी अस्पताल, शांति मेमोरियल कोविड अस्पातल एवं इस्पात निदान केंद्र में भी भेजा जा सकता है। वर्तमान में कोरोना मरीजों की संख्या काफी कम है। इस कारण सभी केंद्रों को बंद कर दिया गया है। गंभीर मरीजों को केवल जेपी अस्पातल में ही भर्ती लिया जा रहा है।

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