श्रमिक विरोधी वेतन समझौता के खिलाफ आंदोलन
सेल प्रबंधन की ओर से यूनियनों में फूट डाल कर एनजेसीएस में श्रमिक विरोधी वेतन समझौता कराने में सक्षम होने का आरोप सीटू की ओर से लगाया गया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सेल प्रबंधन की ओर से यूनियनों में फूट डाल कर एनजेसीएस में श्रमिक विरोधी वेतन समझौता कराने में सक्षम होने का आरोप सीटू की ओर से लगाया गया है। श्रमिकों के हित में लगाकर आंदोलन करने तथा श्रमिक हितों के खिलाफ समझौता में शामिल यूनियनों को चुनाव में जवाब देने का आह्वान सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व एनजेसीएस सदस्य विष्णु महांती ने किया है।
सेक्टर-16 स्थित श्रमिक भवन में विष्णु महंती ने कहा कि सीटू की ओर से एनजेसीएस में 15 प्रतिशत एमजीबी की जगह 13 प्रतिशत दिया गया। वहीं 35 फीसद पर्क्स की मांग की गई थी उसकी जगह 26.5 प्रतिशत दिया गया। संगठन की ओर से 1जनवरी 2017 से एरियर मांगा गया था पर प्रबंधन की ओर से अप्रैल 2020 से दिया जा रहा है। इससे समझौते की अवधि पूरी होने के 39 महीने का एरियर से श्रमिक वंचित होंगे। इस बीच सेवानिवृत्त होने वालों को भी ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी जो अनुचित है। इसी तरह तीन साल में समीक्षा करने के बाद पर्क में बदलाव किया जायेगा। इसका विरोध करते हुए सीटू की ओर से बहिष्कार किया गया एवं हस्ताक्षर किया गया। सीटू की ओर से श्रमिक विरोधी समझौता को रद्द करने के लिए यूनियन चुनाव में बहुमत देने का आह्वान किया गया। इस्पात शहर में खाली क्वार्टर एवं जमीन इस्पात श्रमिकों को मुहैया कराने की मांग भी सीटू की ओर से की जा रही है। जिन मांगों को लेकर श्रमिक एक दिन की हड़ताल की थी उन्हें प्राप्त करने के लिए सीटू का समर्थन करने का आह्वान किया गया। सीटू संयुक्त आंदोलन पर विश्वास करता है इस लिए सभी को एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया गया। इसमें बसंत नायक, विमान माइती, श्रीमंत बेहरा, राजकिशोर प्रधान, बीसी प्रधान, रत्नाकर नायक, दीपक बेरिया, विश्वजीत राउतराय, सूर्यकांत बारिक, सुदर्शन जेना समेत अन्य लोग शामिल थे।