आशीर्वाद योजना में 150 से अधिक आवेदन

राज्य सरकार की ओर से कोरोना काल में 1 अप्रैल 2020 से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के पालन पोषण के लिए आशीर्वाद योजना में आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 08:56 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 08:56 AM (IST)
आशीर्वाद  योजना में 150 से अधिक आवेदन
आशीर्वाद योजना में 150 से अधिक आवेदन

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राज्य सरकार की ओर से कोरोना काल में 1 अप्रैल 2020 से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के पालन पोषण के लिए आशीर्वाद योजना में आर्थिक मदद देने की घोषणा की गई है। इस योजना में शामिल बच्चों को बालिग होने तक प्रति माह 2 हजार 500 रुपये आर्थिक सहायता मिलेगी। सुंदरगढ़ जिले में 150 से अधिक आवेदन मिले हैं। वास्तव में इनकी संख्या 500 से अधिक होगी। मृत्यु प्रमाणपत्र एवं अन्य दस्तावेजों की जांच के बाद योजना में शामिल किया जाएगा। दूर दराज के गांवों के बच्चों के पास प्रमाणपत्र नहीं है। उन्हें योजना का लाभ कैसे मिलेगा, यह अहम सवाल है। विभिन्न प्रकार के प्राकृतिक आपदा व बीमारी में माता-पिता को खोने वाले बच्चों को आर्थिक मदद देने के लिए सरकार की ओर से योजनाएं लागू की जा रही हैं। 2020 व 2021 में कोरोना महामारी के दौरान अधिक लोगों की जान गई एवं बच्चे अनाथ हुए हैं। शहरांचल की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक बच्चे अनाथ हुए हैं पर इसका वास्तविक तथ्य संग्रह कर योजना में उन्हें शामिल करना विभाग के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। जिले के दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य की सुविधा नहीं है जिससे अधिक लोगों की मौत हो रही है। जिला शिशु सुरक्षा अधिकारी श्रीवंत जेना के अनुसार इस योजना में 150 आवेदन मिल चुके हैं यह प्राथमिक तथ्य है। वास्तव में अब तक पांच सौ से अधिक ऐसे बच्चे जिले में हैें जिनका तथ्य संग्रह किया जा रहा है। आशीर्वाद योजना में माता-पिता या परिवार के प्रमुख की प्राकृतिक आपदा या बीमारी से मौत होने पर हर महीने बच्चे को 18 साल होने तक हर महीने 2 हजार 500 रुपये दिए जाएंगे। इसके लिए मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ बच्चे का आवश्यक दस्तावेज जमा करना होगा। बच्चों के पास यह उपलब्ध नहीं है। पंचायत व गांव स्तर पर लोगों को जागरूक करने तथा प्रमाणपत्र मुहैया कराने में सहयोग करने पर ही उन्हें यह लाभ मिलने की बात उन्होंने कही है।

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