जनवितरण प्रणाली के चावल घोटाले की जांच शुरू
सुंदरगढ़ जिले में जन वितरण प्रणाली में चावल घोटाले की जांच शुरू होने से गड़बड़ी सामने आने लगी है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले में जन वितरण प्रणाली में चावल घोटाले की जांच शुरू होने से गड़बड़ी सामने आने लगी है। मिलर्स से चावल लेने के बाद चावल संग्रह केंद्र में जाना चाहिए। यहां संग्रह निरीक्षक के द्वारा उसकी गुणवत्ता की जांच के बाद एल-2 ठेकेदार के जरिए वितरण केंद्र में भेजना होता है पर जिले में ऐसा न कर मिल से सीधे पंचायत के वितरण केंद्र में भेजा जा रहा था। चावल संग्रह केंद्र से चावल नहीं मिलने के बावजूद सरकारी दस्तावेज में संग्रह केंद्र से पंचायत में जाना दर्शाया जा रहा है। ऐसा कर घटिया किस्म के चावल की आपूर्ति कर करोड़ों रुपये की हेराफेरी की जा रही है।
सुंदगरढ़ जिले में राज्य सरकार की ओर से आठ चावल संग्रह केंद्र बनाये गए हैं। इनमें बालीशंकारा ब्लाक के तेलीजोर, हेमगिर के हेमगिर, टांगरपाली के उज्ज्वलपुर, राजगांगपुर के रानीबांध, कुतरा के कुतरा, एसटीआइ राउरकेला आरआरसी, एफसीआइ राउरकेला एवं आरआरसी वेदव्यास शामिल हैं। इसके लिए 16 मिलर्स अनुबंधित हैं एवं वहां से चावल की आपूर्ति होनी चाहिए। हेमगिर के गोदाम से हेमगिर, लेफ्रीपाड़ा ब्लाक, उज्जवलपुर गोदाम से सुंदरगढ़ ब्लाक, सुंदरगढ़ शहरांचल एवं टांगरपाली ब्लाक, कुतरा गोदाम से कुतरा एवं बड़गांव ब्लाक, रानीबांध गोदाम से राजगांगपुर ब्लाक व शहरांचल, राउरकेला एफसीआइ से राउरकेला महानगर, गुरुंडिया, कोइड़ा व लहुणीपाड़ा ब्लाक, एसटीआइ गोदाम से बिसरा, बणई व नुआगांव ब्लाक तथा वेदव्यास गोदाम ने लाठीकटा, गुरुंडिया ब्लाक तथा बीरमित्रपुर नगरपालिका क्षेत्र में चावल की आपूर्ति का निर्देश दिया गया है। अधिकतर समय में मिलर्स गोदाम में चावल न भेज कर सीधे पंचायत में पहुंचा रहे हैं। नियम के अनुसार चावल की आपूर्ति होने पर एल-2 ठेकेदार को जानकारी होनी चाहिए पर ऐसा नहीं हो रहा है। मिल से चावल निर्धारित पंचायत के लिए निकलने के कुछ घंटे बाद चावल संग्रह केंद्र से रिसीव रसीद काटी जा रही है। इससे एल-2 ठेकेदार के द्वारा गोदाम से पंचायत तक पहुंचाने का भाड़ा व अन्य खर्च की बचत हो रही है। इसकी जांच पूरी होने पर घोटाले का राजफाश हो पाएगा। उपजिलापाल ने तीन दिन में तलब की जांच रिपोर्ट : सुंदरगढ़ जिले में जन वितरण प्रणाली के चावल के बंटन में हेराफेरी की जांच शुरू कर दी गई है। सुंदरगढ़ के उपजिलापाल अभिमन्यु बेहरा ने सभी आपूर्ति अधिकारियों को बुलाकर उनसे पूछताछ करने के साथ ही आवंटित चावल से संबंधित लिखित जवाब मांगा है। वहीं, पानपोष उपजिलापाल ने भी इसके जांच के निर्देश बिसरा, लाठीकटा, नुआगांव व कुआरमुंडा ब्लाक के बीडीओ को दिया है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने की बात उन्होंने कही है।
उल्लेखनीय है कि जिले में हर महीने 73,400 क्विंटल चावल की आपूर्ति जन वितरण प्रणाली के जरिए बांटने के लिए होती है। मिल से 50 किलो के बोरे में 48 किलो देकर प्रति क्विंटल चार किलो कम वजन दिया जाता है। बचा चावल मिलर्स, परिवहन करने वाले व अधिकारियों की मिलीभगत में बाजार में 20 रुपये किलो के भाव से बेचा जाता है। ऐसा कर हर महीने करीब 58 लाख रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आने के बाद उच्च स्तरीय जांच शुरू की गई है। पानपोष के उपजिलापाल दौलत चंद्राकर ने तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश सभी बीडीओ को दिया है।