जीएसटी ठगी पर विभाग को फैसला लेने का निर्देश
राउरकेला के आटो चालक राजेंद्र पलई के नाम पर जीएसटी विभाग की ओर से 4.39 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाने के साथ ही उसे पक्ष रखने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला के आटो चालक राजेंद्र पलई के नाम पर जीएसटी विभाग की ओर से 4.39 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाने के साथ ही उसे पक्ष रखने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस मुरलीधर एवं जस्टिस संजीव कुमार पाणिग्राही को लेकर गठित खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए आटो चालक के जवाब पर विभाग को सुनवाई कर अंतिम फैसला लेने का निर्देश दिया गया है।
आवेदक को एक जुलाई को कटक सिटी जीएसटी कमिश्नरेट के डिप्टी कमिश्नर के कार्यालय से संबंधित नत्थीपत्र पर जांच करने की अनुमति देने तथा 19 जुलाई से पूर्व जवाब दाखिल करने को कहा गया है। चार सप्ताह के भीतर इस पर सुनवाई कर 6 सितंबर तक इस मामले में निर्देश जारी करने को कहा गया है। 13 सितंबर तक आवेदक को इस संबंध में अवगत कराया जाएगा। यदि जीएसटी अधिकारी निर्देश को लेकर आवेदक के जवाब से संतुष्ट नहीं होते हैं तो कानून के अनुसार उसके खिलाफ परवर्ती कदम उठाने की राय हाई कोर्ट ने दिया है। इसके बाद संबंधित मामले में हाई कोर्ट के द्वारा इसमें अंतिम फैसला सुनाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि गरीब लोगों के नाम पर राउरकेला में जीएसटी की ठगी को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। आवेदक ने बताया कि वह आटो चालक है। जीएसटी कार्यालय से उसके नाम पर नोटिस जारी कर टैक्स एवं जुर्माना के रूप में 4,31,39,672 रुपये भरने का नोटिस दिया गया है। इसी तरह राउरकेला के उदितनगर के एक पाइप मिस्त्री समीर जोजो के नामपर भी जीएसटी कार्यालय से नोटिस जारी की गई है। गरीब लोगों के नाम पर जीएसटी ठगी की जांच न कर उनके नाम पर विभाग की ओर से करोड़ों के भुगतान का नोटिस जारी करने को लेकर भी अधिवक्ता आशीष कुमार मिश्र ने सवाल उठाए हैं।