बोल-बम के जयकारों से सूना रहेगा वेदव्यास धाम

ओडिशा सरकार ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सावन महीने में निकलने वाली पवित्र कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 07:22 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:22 AM (IST)
बोल-बम के जयकारों से सूना रहेगा वेदव्यास धाम
बोल-बम के जयकारों से सूना रहेगा वेदव्यास धाम

जागरण संवाददाता राउरकेला : ओडिशा सरकार ने कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सावन महीने में निकलने वाली पवित्र कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही लोगों को शिवालयों में भी भीड़ ना कर अपने-अपने घरों में ही भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना करने का अनुरोध किया है। लगातार दूसरी बार कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा है। जिससे बाबा भोलेनाथ के भक्तों में काफी निराशा छा गई है। रविवार से सावन महीना शुरू हो गया है। सावन माह का पहला सोमवार 26 जुलाई को पड़ रहा है। हिदू धर्म में सावन महीने का बहुत महत्व होता है और यह पूरा महीना पूरे देश में भक्तगण भगवान शिव को समर्पित होता है। कहते हैं कि सावन के इस पूरे माह में शिव की पूजा अर्चना सच्चे मन से करने से भक्तों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है।

वर्तमान समय में जिस तरीके से कोरोना काल चल रहा है उससे तीसरी लहर के प्रकोप का अनुमान लगाया जा रहा है। सरकार ने वेदव्यास धाम और झारखंड के महादेवशाल में होने वाले विशाल श्रावणी मेला सहित कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया है। राजगांगपुर के घोघड़ धाम में भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

कांवड़ियों की टोली राउरकेला समीप वेदव्यास धाम स्थित त्रिवेणी संगम से जल भरकर झारखंड़ के महादेवशाल तथा राजगांगपुर के घोघड़ धाम जलाभिषेक को जाती थी। भक्त वेदव्यास के त्रिवेणी संगम से कांवर में जल उठा कर तरकेरा स्थित भोले बाबा के मंदिर समेत पुराना स्टेशन गौरी शंकर मंदिर, लाल बिल्डिंग स्थित त्रिदेव मंदिर, नया बस स्टैंड के त्रिनाथ मंदिर समेत अन्य शिवालयों में भोले बाबा का जलाभिषेक कर पूजा अर्चना करते थे। लेकिन पिछले साल की तरह इस बार भी भक्त न ही कांवड़ यात्रा निकाल पाएंगे और ना ही शिवालयों में जलाभिषेक कर पाएंगे।

हर साल सावन महीने में राउरकेला से महादेवशाल और वेदव्यास धाम से लेकर घोघड़ धाम जाने वाली सड़कों पर कांवड़ियों की लंबी कतारें नजर आया करती थी और पूरा इलाका बोल-बम के जयकारों से से गूंजायमान हुआ करता था। अब वहां पर अभी से सन्नाटा पसरा हुआ नजर आ रहा है। वहीं दूसरी ओर कांवड़ यात्रा स्थगित होने की वजह से कांवड़ियों की वेशभूषा, कांवड़, इसके सजावट का सामान बेचने वाली दुकानों के साथ ही साथ जगह जगह पर भंडारा शिविर का आयोजन भी नहीं होने से व्यापारियों सहित भक्तों में मायूसी है। व्यापारियों का कहना है कि पिछले साल के अंत में कोरोना संक्रमण के हालात को सुधरते हुए देख कर इस बार अच्छा कारोबार होने की उम्मीद थी। लेकिन इस बार भी पूरी नहीं हो सकी। इधर, कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए सावन की पहली सोमवारी को लेकर वेदव्यास मंदिर अंचल में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

सावन में वेदव्यास में लगता था मेला : सावन के महीने में वेदव्यास धाम में हर सप्ताह के तीन दिन मेला लगता था। शिव भक्त पूजा अर्चना करने के साथ-साथ मेला का भी आनंद लेते थे। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल के साथ- साथ अग्निशमन विभाग के कर्मचारी भी 24 घंटे उपस्थित रहते थे।

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