आठ हजार आबादी की सेहत भगवान भरोसे

सुंदरगढ़ जिले के गुरुंडिया ब्लाक के दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमराई हुई है। आदिवासी बहुल इस इलाके में गुरुंडिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन सोल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत अधिक खराब है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 09:07 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 09:07 AM (IST)
आठ हजार आबादी की सेहत भगवान भरोसे
आठ हजार आबादी की सेहत भगवान भरोसे

जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले के गुरुंडिया ब्लाक के दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से चरमराई हुई है। आदिवासी बहुल इस इलाके में गुरुंडिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन सोल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत अधिक खराब है। जर्जर भवन में यहां 10 साल से फर्मासिस्ट ही लोगों का इलाज करते हैं। ये भी नियमित रूप से इस इलाके में नहीं आते हैं। इसी तरह जर्डा स्वास्थ्य केंद्र, तमड़ा तथा बांकी स्वास्थ्य केंद्र हैं जिनमें चिकित्सक नहीं हैं एवं लोगों का इलाज नहीं हो रहा है।

सोल प्राथमिक चिकित्सालय गुरुंडिया सीएचसी से 120 किलोमीटर दूर हैं। इस अस्पताल पर बिजीखोल, झलियाडीह, कुराबिरा, सियांपाली, सलगुड़ा, टुगुड़ा, बड़कुदर, ब्राह्मणीबसा, कांटामुंडा, कुसुमडीह, नुआपाली, ठाकुरपाली, भलुंडा झरन आदि गांवों के आठ हजार से अधिक लोग निर्भर हैं। इस अस्पताल के लिए चिकित्सक नियुक्त हैं पर वे कभी अपनी ड्यूटी नहीं करते हैं। अस्पताल में स्वीपर, अटेंडेंट के पद खाली पड़े हैं। इस अस्पताल से मुख्य सड़क को जोड़ने के लिए रोड नहीं है। अस्पातल एवं स्टाफ क्वार्टर जर्जर हो चुके हैं। यहां लोगों के नहीं रहने से भवनों में घास उग आई है। चिकित्सा सुविधा नहीं होने होने के कारण गंभीर मरीजों का भी फर्जी चिकित्सक इलाज कर रहे हैं एवं उनसे मोटी रकम वसूल रहे हैं। यह क्षेत्र संबलपुर जिले के कुचिडा से सटा है एवं कुछ लोग अधिक पैसा खर्च कर वाहन के जरिए इलाज के लिए संबलपुर एवं कुचिडा जा रहे हैं। जर्डा, तमड़ा व बांकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी लोगों को चिकित्सा सेवा नहीं मिल रही है। इस कारण लोग फर्जी चिकित्सक व नीम हकीम से अपना इलाज कराने को विवश हैं।

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