ग्रेच्युटी सिलिग व्यवस्था स्वीकार्य नहीं : आरएमएस
सेल प्रबंधन की ओर से विगत 26 नवंबर को राष्ट्रीयकृत इस्पात उद्योगों के लिए निर्देशनामा जारी किया गया है जिसमें प्रचलित ग्रेच्युटी रूल को एकतरफा बदलाव लाया गया है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सेल प्रबंधन की ओर से विगत 26 नवंबर को राष्ट्रीयकृत इस्पात उद्योगों के लिए निर्देशनामा जारी किया गया है जिसमें प्रचलित ग्रेच्युटी रूल को एकतरफा बदलाव लाया गया है। इसमें इस्पात श्रमिकों के सेवानिवृत्ति पर पूर्व व्यवस्था के अनुसार मुक्त ग्रेच्युटी सर्वाधिक 20 लाख या 50 फीसद महंगाई भत्ता बढ़ाकर सर्वाधिक 25 लाख रुपये देने की घोषणा की गई है। राउरकेला मजदूर सभा की ओर से इसे श्रमिक विरोधी बताते हुए विरोध किया गया है एवं 8 दिसंबर को इसके खिलाफ आंदोलन की घोषणा की गई है।
राउरकेला मजदूर सभा के महासचिव शशधर नायक ने बताया कि केंद्र सरकार के पेमेंट ग्रेच्युटी एक्ट 16 सितंबर 1972 में पूरे देश में लागू किया गया है। इससे पूर्व राउरकेला मजदूर सभा के प्रयास से सेल व तत्कालीन हिदुस्तान स्टील लिमिटेड में कार्यरत श्रमिक कर्मचारियों को ग्रेच्युटी प्रदान करने के लिए 27 अक्टूबर 1970 को त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। सेवानिवृत्ति पर वेतन व महंगाई भत्ता के आधार पर बिना किसी सिलिग के कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने की व्यवस्था की गई थी। इस समझौते पर हिद मजदूर सभा, इंटक, एटक ने भी हस्ताक्षर किया था। तब से श्रमिक सिलिग मुक्त ग्रेच्युटी पा रहे थे। सेल प्रबंधन की ओर से ग्रेच्युटी सिलिग का प्रयास किया जा रहा है। राउरकेला मजदूर सभा के पूर्व सचिव नित्यानंद साहू ने शिल्प विवाद कानून की मदद ली थी एवं श्रमिकों के लिए लड़ाई में जीत हुई थी। आज उस व्यवस्था से सर्वाधिक ग्रेच्युटी 20 लाख निर्धारित था उसकी जगह 30 लाख रुपये मिल रहा है। मजदूरी बढ़ोत्तरी के साथ साथ इसमें भी बढ़ोत्तरी होनी चाहिए जिससे श्रमिकों का भविष्य सुरक्षित होगा। 22 अक्टूबर 2021 के एनजेसीएस समझौता के अनुसार इस्पात श्रमिकों के मूल वेतन व महंगाई भत्ता बढ़ने से स्वभाविक रूप से ग्रेच्युटी प्रदान करने पर ही श्रमिक लाभान्वित होंगे। ग्रेच्युटी सिलिग को राउरकेला मजदूर सभा समेत अन्य संगठनों की ओर से भी विरोध किया गया है। सिलिग मुक्त ग्रेच्युटी देने में प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ आंदोलन करने की बात उन्होंने कही है। इसके खिलाफ 8 दिसंबर को सुबह 7 से 9 बजे तक बिरसा चौक राउरकेला में प्रदर्शन किया जाएगा। आगामी दिनों में आंदोलन को और तेज करने की बात उन्होंने कही।