राजयोग से मिल सकती है तनाव से मुक्ति : बीके उषा

बसंती कालोनी स्थित प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के 37वें वार्षिकोत्सव पर तीन दिवसीय आध्यात्मिक कार्यक्रम बसंती कालोनी दुर्गा पूजा मैदान में आयोजित किया गया। इसमें माउंट आबू की राजयोगिनी बीके उषा ने गीता के आध्यात्मिक रहस्य मानव जीवन से किस प्रकार जुड़ा है एवं गीता में वर्णित प्रसंग से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि व्यस्त एवं तनावपूर्ण जीवन को सहज बनाने में राजयोग मददगार साबित होगा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 11:10 PM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 11:10 PM (IST)
राजयोग से मिल सकती है तनाव से मुक्ति : बीके उषा
राजयोग से मिल सकती है तनाव से मुक्ति : बीके उषा

जागरण संवाददाता, राउरकेला : बसंती कॉलोनी स्थित प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के 37वें वार्षिकोत्सव पर तीन दिवसीय आध्यात्मिक कार्यक्रम बसंती कॉलोनी दुर्गा पूजा मैदान में आयोजित किया गया। इसमें माउंट आबू की राजयोगिनी बीके उषा ने गीता के आध्यात्मिक रहस्य मानव जीवन से किस प्रकार जुड़ा है एवं गीता में वर्णित प्रसंग से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि व्यस्त एवं तनावपूर्ण जीवन को सहज बनाने में राजयोग मददगार साबित होगा।

अपने दौरे में बीके उषा ने राउरकेला इस्पात संयंत्र, पानपोष स्थित जयप्रकाश अस्पताल एवं रिसर्च सेंटर में भी विभिन्न विषयों पर कार्यक्रम आयोजित कर कर्मचारियों को जीवन एवं परमात्मा के संबंध के संबंध में विभिन्न जानकारी दी तथा तनाव प्रबंधन पर विभिन्न सुझाव लोगों को दिये। उन्होंने शरीर को चलाने वाली शक्ति परमात्मा किस तरह शक्तिशाली हो सकेगी इसके लिए उन्होंने राजयोग का अभ्यास कराया।

अंतिम दिन समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में ओडिशा के वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री पद्मनाभ बेहरा मौजूद थे। उन्होंने संस्था के प्रयास की प्रशंसा की तथा वर्तमान के तम गुण को स्वर्णिम युग में बदलने के लिए विश्वविद्यालय के प्रयास की भी उन्होंने तारीफ की। सेफी के महासचिव तथा राउरकेला इस्पात संयंत्र अधिकारी संघ के अध्यक्ष विमल कुमार बिसी, लिगराज होता ने ब्रह्मकुमारी के कार्यक्रम के संबंध में बताया। उपस्थितियों को सम्मानित किया गया। शाखा की मुख्य संचालिक राजयोगिनी विमला देवी ने आशिर्वचन प्रदान किया एवं परमात्मा शिक्षा को अपनाने का अनुरोध किया। इस मौके पर कलाकारों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन बीके अंचली एवं स्वेता ने संचालित किया जबकि अंत में बीके सुदाम ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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