भगवान शिव की प्रतिमा को लेकर रोष

भगवान शिव की मूर्ति को उदितनगर बिजली कार्यालय के पास एक परित्यक्त स्थान पर रखे जाने के कारण लोगों में रोष देखा जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 07:42 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 07:42 AM (IST)
भगवान शिव की प्रतिमा को लेकर रोष
भगवान शिव की प्रतिमा को लेकर रोष

जागरण संवाददाता, राउरकेला : भगवान शिव की मूर्ति को उदितनगर बिजली कार्यालय के पास एक परित्यक्त स्थान पर रखे जाने के कारण लोगों में रोष देखा जा रहा है। शहरवासियों के अनुसार, इस तरह से भगवान शिव की प्रतिमा को परित्यक्त स्थान में रखे जाने के कारण उनकी भावनाओं को ठेस पहुंच रही है। वहां पर काफी गंदगी भी फैली हुई है। इस कारण उदितनगर वासियों के साथ-साथ शहरवासियों ने भगवान की मूर्ति को उचित स्थान पर स्थापित करने की मांग की है। भिखारी मुक्त शहर बनाने योजना की गति धीमी : राउरकेला स्मार्ट सिटी को भिखारीमुक्त बनाने की योजना पर तीन साल पहले काम शुरू किया गया है था पर इसकी गति धीमी होने के कारण सफलता नहीं मिल रही है। नगर निगम क्षेत्र में इसके लिए काम हो रहा है पर सेक्टर इलाके में भिखारियों की संख्या अधिक है उनके पुनर्वास के लिए राउरकेला इस्पात संयंत्र प्रबंधन इस दिशा में कदम नहीं उठा रहा है। इससे योजना पर काम में तेजी नहीं आ पा रही है।

राउरकेला शहर में 2017 में भिखारियों की गणना की गई थी एवं 428 लोगों की पहचान हुई थी। इसके बाद दुबारा गणना की गई है पर कोरोना संक्रमण के चलते भिखारीमुक्त शहर बनाने के लिए काम में प्रगति नहीं आ पाई है। नगर निगम के आयुक्त दिव्य ज्योति परीडा ने बताया कि भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिए एक विकल्प उन्हें विभिन्न प्रशिक्षण व सुविधा देकर रोजगार देना है ताकि वे आत्म निर्भर होकर आजीविका चला सकें। आत्म निर्भर बनने के लिए नगर निगम की ओर से उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्हें नाश्ता की दुकान, पानी की दुकान चलाने के लिए तैयार किया जाएगा। गरीब एवं बेघर लोग ही भिक्षाटन करते हैं एवं वे असहाय हो गए हैं। राउरकेला शहर को राज्य में दूसरे स्मार्ट सिटी का दर्जा मिला है। शहर को सुंदर बनाने के साथ-साथ भिखारीमुक्त बनाने की दिशा में भी काम शुरू किया गया है। इसके लिए नगर निगम की ओर से आवश्यक प्रक्रिया शुरू की गई है। यह कार्यक्रम केवल राउरकेला महानगर निगम क्षेत्र तक सीमित है। सेक्टर इलाके में इस योजना पर काम करने का दायित्व इस्पात संयंत्र प्रबंधन पर है। उन्हें भी इस दिशा में काम करना होगा। शहर के अधिकतर मंदिर सेक्टर क्षेत्र में ही हैं जहां भिक्षाटन कर भिखारी अपनी आजीविका चला रहे हैं। सामूहिक प्रयास से ही शहर को भिखारी मुक्त करना संभव होने की बात नगर निगम आयुक्त ने ही है।

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