माद्री कालो भवन में प्रवासी मजदूरों को मिले सुविधा : जार्ज
देश के विभिन्न राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को सुंदरगढ़ के माद्री कालो भवन में रखा जा रहा है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : देश के विभिन्न राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को सुंदरगढ़ के माद्री कालो भवन में रखा जा रहा है। यहां सुविधा नहीं मिलने की शिकायत मिलने पर आदिवासी नेता सह पूर्व विधायक जार्ज तिर्की ने प्रवासियों की सुधि लेने के साथ सुविधा मुहैया कराने की मांग की है।
महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, राजस्थान, दिल्ली आदि कोरोना संक्रमित राज्यों से प्रवासी श्रमिक अपने खर्च से वाहन की व्यवस्था कर सुंदरगढ़ पहुंचे हैं। बड़ी संख्या में श्रमिकों को यहां रखा जा रहा है। जहां शौचालय, आवश्यक बेड एवं बिजली पंखा आदि का प्रबंध नहीं है। सैकड़ों किलोमीटर दूरी तय कर लौटे श्रमिकों में भारी असंतोष देखा जा रहा है। यहां से उन्हें उनके गांवों तक पहुंचाने के लिए भी प्रशासन की ओर से प्रबंध नहीं किया जा रहा है। अव्यवस्था की शिकायत मिलने पर आदिवासी नेता जार्ज तिर्की ने सेंटर जाकर मजदूरों का दुख-दर्द सुना एवं जिला प्रशासन से शीघ्र शौचालय, ठहरने के स्थान, बेड, भोजन, पेयजल तथा परिवहन का प्रबंध करने के लिए प्रशासन का ध्यान आकृष्ट किया है। कानपुर से बिसरा लौटे श्रमिक क्वारंटाइन में
: बिसरा ब्लाक के विभिन्न गांवों से उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले में स्थित फैक्ट्री में सिविल काम करने गए 32 मजदूर उत्तरप्रदेश, बिहार एवं झारखंड सरकार की पहल से शनिवार की शाम को बीरमित्रपुर के बांसजोर पतालकांड सीमा पर पहुंचे। यहां मेडिकल जांच के बाद बस से गांव भेजने का प्रबंध किया गया। बिसरा ब्लाक के बड़बंबुआ, एरला, बिरंगाझार, कुलीनबहाल, भालुलता, कुंडापोष आदि गांव के 32 श्रमिक ठेकेदार के जरिये उत्तरप्रदेश के उन्नाव काम करने के लिए आठ महीने पहले गए थे। लॉकडाउन के चलते उनका काम बंद हो गया। इसके बाद उन्होंने घर लौटने का फैसला किया। वहां पंजीकरण कराने के बाद उत्तरप्रदेश सरकार की बस से बिहार सीमा एवं वहां से बिहार की बस से झारखंड सीमा तक पहुंचाया गया। झारखंड सीमा से उन्हें बीरमित्रपुर पतालकांड सीमा पर शनिवार की शाम को छोड़ा गया। इसकी सूचना मिलने पर बीजद नेता कुना देव कार्यकर्ताओं के साथ वहां पहुंचे और उनकी सुधि ली। सीमा पर पंजीकरण व मेडिकल जांच के बाद उन्हें गांव तक पहुंचाने के लिए बस का प्रबंध किया गया। सभी मजदूरों को गांव के पास बने क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है।