चिकित्सक की मांग को लेकर पशु अस्पताल में जड़ा ताला

बीरमित्रपुर पशु चिकित्सालय में चार साल से चिकित्सक के नहीं होने से बीमार पशुओं का इलाज नहीं हो पा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 08:08 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 08:08 AM (IST)
चिकित्सक की मांग को लेकर पशु अस्पताल में जड़ा ताला
चिकित्सक की मांग को लेकर पशु अस्पताल में जड़ा ताला

संवादसूत्र, बीरमित्रपुर : बीरमित्रपुर पशु चिकित्सालय में चार साल से चिकित्सक के नहीं होने से बीमार पशुओं का इलाज नहीं हो पा रहा है। शहर में बीमार पशुओं का इलाज नहीं होने के कारण उनकी मौत हो जाती है। गाय, भैंस, बकरी आदि पशु पालने वालों को इससे भारी नुकसान हो रहा है। इससे क्षुब्ध पशु पालकों ने गुरुवार को पशु चिकित्सालय के मेन गेट पर ताला जड़ दिया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद कुआरमुंडा से पशु चिकित्सक के सप्ताह में तीन दिन आने का भरोसा मिलने के बाद लोग शांत हुए और ताला खुला।

बीरमित्रपुर एवं आसपास के 12 पंचायत के पशु पालक बीरमित्रपुर पशु चिकित्सालय पर ही आश्रित हैं। खटालों व घरों में पालतू पशुओं के बीमार होने से उनका इलाज नहीं हो पाता है। एक एक गाय व भैंस की कीमत 40 से 50 हजार रुपये है। इलाज के बगैर उनकी मौत होने पर पशु पालकों को भारी नुकसान हो रहा है। पशु चिकित्सक डा. जगदीश महानंद के जाने के बाद यहां कोई भी पशु चिकित्सक नियुक्त नहीं आए। सलंगाबहाल अस्पताल के फार्मसिस्ट शंकर धर रायबोगा में रहते हैं एवं कभी कभी आकर अस्पताल खोलते हैं। बार बार ध्यान आकृष्ट करने के बावजूद चिकित्सक की नियुक्ति नहीं से क्षुब्ध लोगों ने गुरुवार को अस्पताल में ताला जड़ दिया। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद कुआरमुंडा से डा. श्रूतांजलि स्वाईं एवं डा. रंजन सेठी वहां पहुंचे। उन्होंने सप्ताह में तीन दिन सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार को बीरमित्रपुर अस्पताल में रहने का भरोसा दिया तब लोग वहां से हटे व अस्पताल का ताला खोला गया। इस विरोध-प्रदर्शन में अरविद जायसवाल, राजेश कुमार, शंकर कुमार, देवेन्द्र तिवारी, अशोक गोप आदि लोग शामिल थे।

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