दुर्घटनाग्रस्त महिला की ना•ाुक ऑर्थोपेडिक सर्जरी

इस्पात जनरल अस्पताल के डाक्टरों ने सफलतापूर्वक 40 वर्षीय महिला की नाजुक ऑर्थोपेडिक सर्जरी की जो एक सड़क दुर्घटना के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गई थी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:55 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:55 PM (IST)
दुर्घटनाग्रस्त महिला की ना•ाुक ऑर्थोपेडिक सर्जरी
दुर्घटनाग्रस्त महिला की ना•ाुक ऑर्थोपेडिक सर्जरी

जागरण संवाददाता, राउरकेला : इस्पात जनरल अस्पताल के डाक्टरों ने सफलतापूर्वक 40 वर्षीय महिला की नाजुक ऑर्थोपेडिक सर्जरी की जो एक सड़क दुर्घटना के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गई थी। आइजीएच के डाक्टरों ने इस बेहद ही चुनौतीपूर्ण मामले को कुशलतापूर्वक निपटाया। जमशेदपुर जाते वक्त सड़क दुर्घटना में आरती लोहार गंभीर रूप से घायल हो गई थी और उनके पति वहीं पर मृत्यु के शिकार हो गए थे।

राजखरसावां की रहनेवाली 40 वर्षीय आरती लोहार को सैक्रोइलियक ज्वाइंट डिस्लोकेशन टाइप-3 के साथ अस्थिर पेल्विक फ्रैक्चर था, जिसे क्रिसेंट फ्रैक्चर इलियम कहा जाता है। उसके बाएं टखने में अस्थिर फ्रैक्चर भी था। उन्हें जब टाटा के मुख्य अस्पताल जमशेदपुर में भर्ती कराया गया तब वह हिल भी नहीं पा रही थी। टाटा मुख्य अस्पताल में उनका प्रारंभिक उपचार के बाद उन्हें पेल्विस सर्जरी के लिए अन्य उच्च केंद्र में जाने की सलाह दी गई। रिश्तेदारों ने इस्पात जनरल अस्पताल के अपर सीएमओ ऑर्थोपेडिक सर्जन डा. सुमंत कुमार सेनापति से संपर्क किया, जिन्होंने उन्हें सर्जिकल प्रक्रिया का आश्वासन दिया और इसके बाद लोहार को इस्पात जनरल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। उन्हें सीएमओ डा. एनपी साहू, वरिष्ठ परामर्शदाता डा. आरएल पंडा, विशेषज्ञ, डा. स्मिता कुजूर सहित एनेस्थेटिस्ट की टीम की मदद से जनरल एनेस्थीसिया के तहत एक ही बार में पेल्विस और बाएं टखने की सर्जरी की। आपरेशन सर्जन डा. एसके सेनापति और उनके नर्सिंग स्टाफ कमलाकर और डा. सुनंदा शामिल होकर महत्वपूर्ण आर्थोपेडिक सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया, जिसमें लगभग 6 घंटे लगे। 24 घंटे की सर्जरी के बाद वह बिस्तर पर बैठने में सक्षम हो सकी। आपरेशन के बाद वह सामान्य अवस्था में थी और उन्हें 11 अक्टूबर को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

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