ओआइएसएल को खोलने व बकाया भुगतान के लिए प्रदर्शन
राजगांगपुर के जामपाली स्थित ओआइएसएल संयंत्र को फिर से चालू करने तथा बकाया भुगतान के लिए सोमवार को सीटू संबद्ध ओआइएसएल वर्कर्स यूनियन की ओर से श्रम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राजगांगपुर के जामपाली स्थित ओआइएसएल संयंत्र को फिर से चालू करने तथा बकाया भुगतान के लिए सोमवार को सीटू संबद्ध ओआइएसएल वर्कर्स यूनियन की ओर से श्रम कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया। बार-बार वार्ता की तारीख तय होने व नोटिस के बावजूद प्रबंधन की ओर से पहल नहीं करने पर क्षोभ प्रकट किया गया।
ओआइएसएल को प्रबंधन के द्वारा बगैर नोटिस के मनमाने ढंग से बंद कर दिया गया है। इससे यहां कार्यरत 1500 स्थायी व अस्थायी श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। संयंत्र को फिर से चालू करने, बकाया वेतन, ईएसआइ, पीएफ तथा एलआइसी की राशि जमा करने आदि मांगों को लेकर सीटू की ओर से श्रम कार्यालय में मांगपत्र सौंपा गया है। प्रबंधन को त्रिपक्षीय वार्ता के लिए बार-बार नोटिस के बाद भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। श्रम कार्यालय से अंतिम नोटिस जारी कर 25 जनवरी को वार्ता की तिथि तय की गई थी। इसमें भी प्रबंधन के शामिल नहीं होने पर श्रम अधिकारी प्रणव पात्र ने राज्य सरकार को रिपोर्ट देने एवं सरकार की ओर से तालाबंदी को लेकर कार्रवाई करने की बात कही। यूनियन की ओर से विष्णु महांती, विमान माइती, राजकिशोर प्रधान, ओआइएसएल यूनियन के महासचिव दिलीप लकड़ा, विजय कुजूर, संजय सेनापति, अंजन लकड़ा, अरविद ठाकुर, सुरेश कुजूर, सुब्रत सिंह, महेंद्र चंचल, पीके शा सहित अन्य लोग शामिल थे। राउरकेला में बंद हो जाएगा मलेरिया सेंटर : नगर में सेक्टर-5 स्थित नेशनल मलेरिया रिसर्च सेंटर के बंद होने तथा इसका झारखंड के रांची केंद्र में विलय करने की योजना है। यहां के कर्मचारियों का देश के अन्य शहरों में स्थित केंद्रों में तबादला कर दिया गया है। राउरकेला में सेंटर को बंद करने की योजना की विभिन्न संगठनों की ओर से निदा की गई है। सेक्टर-5 स्थित मलेरिया रिसर्च सेंटर के जरिए मच्छरों के प्रकार तथा मलेरिया संबंधित शोध किया जाता है। इसके लिए यहां 23 कर्मचारियों को नियुक्त किया गया था। केंद्र को बंद करने तथा इसका रांची केंद्र में विलय करने की तैयारी है। यहां के फील्ड लैब असिस्टेंट, सफाई कर्मचारी, तकनीशियन, एलडीसी, हेल्थ एग्जीक्यूटिव, चौकीदार, मच्छर संग्रह कर्ता, कनिष्ठ किरानी, पियून का बेंगलुरु, चेन्नई, गोवा, रांची, रायपुर आदि केंद्रों में तबादला किया गया है। सरकार की ओर से राउरकेला स्थित केन्द्र को बंद करने तथा इसका रांची केंद्र में विलय करने की योजना का विरोध करने के साथ ही आंदोलन की चेतावनी दी गई है।