पारादीप व भुवनेश्वर बंदरगाह की बिक्री के खिलाफ प्रदर्शन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर से मुद्रीकरण के नाम पर देश की संपत्ति कुछ गिने चुने पूंजीपतियों को बेचने की योजना बना रही है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर से मुद्रीकरण के नाम पर देश की संपत्ति कुछ गिने चुने पूंजीपतियों को बेचने की योजना बना रही है। अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन एटक की ओर से इसका विरोध किया गया। संगठन की ओर से सेल, भेल, हवाई अड्डा, बंदरगाह, राष्ट्रीय राजपथी, बीपीसीएल, गैस, खदानों को उनके हाथों सौंपने का आरोप लगाया गया।
एटक की ओर से कहा गया कि बिक्री होने वाले देश के सार्वजनिक उपक्रम वाले उद्योगों की सूची में राज्य के सबसे पुराने बंदरगाह पारादीप व भुवनेश्वर भी शामिल हैं। इसके विरोध में ओडिशा में अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस की ओर से धरना प्रदर्शन किया गया। रविवार को एटक की ओर से शोभायात्रा मधुसूदन मार्ग से निकलकर रेलवे स्टेशन तक पहुंचा। यहां प्रदर्शन करने के साथ यहां प्रतिवाद सभा का आयोजन किया गया। एटक के जिला अध्यक्ष संतोष दास की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में जिला सचिव सदानंद साहू, प्रदोष महंती, निको किसान, अभिमन्यु महंती, महेश्वर दीप, अरुण भोई, पंचानन सूना, भाग्यधर राउत ने अपने विचार रखे एवं केन्द्र सरकार के फैसले का विरोध किया। उन्होंने 70 साल में देश में बनी संपत्ति को सात साल के अंदर केन्द्र सरकार द्वारा बेचे जाने का आरोप लगाया गया। कृषि कानून को अलोकतांत्रिक ढंग से संसद में पारित कर किसानों का शोषण करने जा रही है। देश के सभी किसान मजदूरों को एकजुट होकर आंदोलन का आह्वान किया गया। साथ ही संगठन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन सौंपा गया।