रिनुअल चार्ज पर जुर्माना से भड़के दुकानदार
राउरकेला विकास प्राधिकरण आरडीए अधीनस्थ दुकानों का रिनुअल फीस तथा इस पर 50 फीसद तक जुर्माना लगाये जाने पर दुकानदारों में असंतोष है। आरडीए शॉप आनर्स एसोसिएशन के सदस्य शुक्रवार को आरडीए कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा तथा इस पर पुनर्विचार करने की मांग की।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला विकास प्राधिकरण (आरडीए) अधीनस्थ दुकानों का रिनुअल फीस तथा इस पर 50 फीसद तक जुर्माना लगाए जाने पर दुकानदारों में कड़ी नाराजगी है। आरडीए शॉप ओनर्स एसोसिएशन के सदस्य शुक्रवार को आरडीए कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपकर इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की।
दुकानदारों का कहना था कि आरडीए अधीनस्थ शहर के नया बस स्टैंड, वीएसएस मार्केट छेंड कॉलोनी, तपस्विनी मार्केट उदितनगर, तरंगिनी मार्केट सिविल टाउनशिप, जनता विपण्णी मार्केट सिविल टाउनशिप व सुपर मार्केट उदितनगर आदि क्षेत्रों में 1700 से अधिक दुकानें हैं। आरडीए द्वारा कई दुकानें 30 साल पहले आवंटित की गयी हैं। नियमत: हर 11 महीने में रिनुअल होना चाहिए पर आरडीए की ओर से ऐसा नहीं किया गया। अब 20- 30 साल का वार्षिक सौ रुपये रिनुअल चार्ज एवं उसमें मन माने ढंग से जुर्माना लगाया जा रहा है। ऐसे में सुझाव दिया गया कि दस साल से दुकान चला रहे लोगों को रिनुअल चार्ज एक हजार रुपये होना चाहिए पर उनसे जुर्माना के साथ 1500 से दो हजार तक मांगा जा रहा है। इसके साथ ही दुकान का भाड़ा जमा लिया जा सकेगा।
इस संबंध में एसोसिएशन के प्रतिनिधि शुक्रवार को आरडीए के दुकान का प्रभार संभालने वाले अधिकारी मनोज दास से मिले और अपनी समस्या बतायी। उन्होंने बिना जुर्माना के रिनुअल चार्ज तथा दुकान का भाड़ा लेने का अनुरोध किया। दुकानदारों ने आरडीए के भ्रष्ट अधिकारी का तबादले की भी मांग की। प्रतिनिधियों में विजय कुमार प्रधान, गिरजा साहू, जीतेन्द्र जेना, राकेश सिंह, अशोक कुमार, सूर्य कांत मिश्रा, गुणमनि जेना, संजय गुप्ता, विष्णु बेहरा, मधुसूदन बारिक समेत अन्य लोग शामिल थे।