राउरकेला निगम चुनाव रद करना बीजद का षड्यंत्र : निहार

राउरकेला नगर निगम घोषित करने के आठ साल बीत चुके हैं पर चुनाव नहीं हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 09:58 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 09:58 PM (IST)
राउरकेला निगम चुनाव रद करना बीजद का षड्यंत्र : निहार
राउरकेला निगम चुनाव रद करना बीजद का षड्यंत्र : निहार

जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला नगर निगम घोषित करने के आठ साल बीत चुके हैं पर चुनाव नहीं हुआ है। इस बार चुनाव होने की उम्मीद थी पर राज्य सरकार कोर्ट में मामला होने के बहाने निगम को चुनाव से वंचित कर दिया गया है। चुनाव के लिए बार बार मांग के बावजूद सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। इसके पीछे बीजद का षड्यंत्र होने का आरोप पूर्व नगरपाल व वरिष्ठ भाजपा नेता निहार राय ने लगाया है।

निहार राय ने कहा है कि 2014 में आधा दर्जन पंचायतों को मिलाकर 40 वार्ड वाला निगम बनाने का निर्णय लिया गया था। मार्च 2015 में बिछुआ ओराम व रामानाथ टोप्पो के द्वारा हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर करने से चुनाव पर स्थगनादेश जारी होने के कारण चुनाव को रद किया गया था। बाद में केवल जगदा एवं झारतरंग पंचायत को निगम में जोड़ा गया। चुनाव के नियम का पालन करते हुए तत्कालीन एडीएम रूपा रोशन साहू ने जगह जगह बैठक करने के बाद दोनों पंचायतों को शामिल किया था। इसके बाद शहर के बीच स्थित तिलकानगर, फुलवारी, चंपागढ़, कोयलगेट, उत्तम बस्ती व माडर्न इंडिया आदि क्षेत्रों को पंचायत या नगर निगम में नहीं होने के कारण इन्हें निगम में शामिल करने की मांग के बावजूद इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इन क्षेत्रों को निगम में शामिल करने से आवश्यक तीन लाख जनसंख्या मिल जाती एवं निगम गठन के लिए कानूनी अड़चने भी नहीं आती। दो पंचायतों को मिलाने से निगम की जनसंख्या करीब 3.10 लाख हुई है। कोर्ट के स्थगनादेश के आधार पर सरकार मूक दर्शक बनी है एवं लोगों के हितों का अनदेखी करना युक्तिसंगत नहीं है। केवल औपचारिकता के रूप में कोर्ट में एक जवाब दाखिल कर चुप बैठने पर भी पूर्व नगरपाल निहार राय ने सवाल उठाये हैं। कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि चुनाव कराने के प्रति सरकार की दिलचस्पी नहीं है। एक स्थगनादेश को खत्म करने के लिए आठ साल पर्याप्त समय होता है। राउरकेला विधायक भी इस पर चुप्पी साधे हैं। इसका कारण स्मार्ट सिटी के लिए केंद्र से मिलने वाले करोड़ों रुपये की अधिकारियों की मिलीभगत में हेराफेरी करा इससे आसान हो रहा है। स्थगनादेश मामले में नेतृत्व लेने वाले आदिवासी नेता वर्तमान में जिला कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। नगर निगम के चुनाव को लेकर कांग्रेस को भी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। राउरकेला का विकास चाहने वाले प्रत्येक दल व नेताओं के साथ राज्य सरकार को भी इस पर पहल करनी चाहिए। लोगों की भावनाओं को सम्मान करते हुए शीघ्र चुनाव कराने की मांग निहार राय ने की है।

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