बिन भक्तों के महाप्रभु जगन्नाथ की हुई स्नान यात्रा
जगन्नाथ संस्कृति के अनुसार देव स्नान पूर्णिमा के अवसर पर पर गुरुवार को शहर व आसपास के तीन दर्जन से अधिक जगन्नाथ मंदिरों में विधि पूर्वक महाप्रभु के साथ देवी-देवताओं की स्नान नीति संपन्न हुई।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : जगन्नाथ संस्कृति के अनुसार देव स्नान पूर्णिमा के अवसर पर पर गुरुवार को शहर व आसपास के तीन दर्जन से अधिक जगन्नाथ मंदिरों में विधि पूर्वक महाप्रभु के साथ देवी-देवताओं की स्नान नीति संपन्न हुई। हालांकि कोविड प्रतिबंध के कारण स्नान पूर्णिमा में भक्त शामिल नहीं हो सके। यह अनुष्ठान केवल मंदिर ट्रस्टी, पूजक व सेवकों के द्वारा संपन्न कराया गया। शाम को प्रभु के गजानन वेश के बाद उन्हें 15 दिन के लिए अणवसर गृह में विराजमान किया गया। इस दौरान भक्त भगवान का दर्शन नहीं कर पाएंगे। आगामी 10 जुलाई को महाप्रभु के स्वस्थ होने पर नेत्रोत्सव होगा तथा 11 जुलाई को महाप्रभु नव यौवन रूप में भक्तों को दर्शन देंगे। 12 जुलाई को मंदिर परिसर में ही महाप्रभु की विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा संपन्न कराई जाएगी।
शहर के सबसे बड़े जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-3 अहिराबंध परिसर में गुरुवार की सुबह मंगल आरती के साथ स्नान पूर्णिमा उत्सव आरंभ हुआ। 9 बजकर 20 मिनट से देव विग्रहों को रत्न सिंहासन से स्नान वेदी तक लाया गया। सबसे पहले सुदर्शन, फिर बलभद्र, बहन सुभद्रा, इसके बाद महाप्रभु जगन्नाथजी को लाया गया जबकि आखिर में स्नान मंडप पर मदन मोहन को लाया गया। प्रभु जगन्नाथ को 35 कलश, बलभद्र को 33, सुभद्रा को 22, सुदर्शन को 18 कलश समेत कुल 108 कलश जल से देव विग्रहों का स्नान संपन्न कराया गया। बाल्य भोग, बड़ा भोग लगाने के साथ ही शाम को प्रभु का गजानन वेश हुआ एवं उन्हें विधि पूर्वक अणवसर गृह तक पहुंचाया गया। इसमें मुख्य पुजारी परमेश्वर पति, मानस रंजन पंडा, त्रिनाथ पाढ़ी के साथ सेवक व ट्रस्टी शामिल हुए। उदितनगर पंचमंदिर में मुख्य पुजारी दीनबंधु दास, टूना महापात्र व अभिषेक के द्वारा देव विग्रहों को स्नान वेदी पर लाकर स्नान कराया गया। शाम को गजानन वेश तथा अणवसर गृह में विराजमान करने के साथ स्नान पूर्णिमा अनुष्ठान संपन्न हुआ। इसमें ट्रस्टी सूर्यमणि बेहरा, प्रभात मिश्र, दिलीप कर, विजय प्रधान, विधान महापात्र, ध्रुव मल आदि लोग शामिल हुए। हनुमान वाटिका जगन्नाथ मंदिर में मुख्य पुजारी अजय पंडा की देखरेख में स्नान पूर्णिमा अनुष्ठान संपन्न कराया गया। इसमें हरिहर राउतराय, करुणाकर नायक, रमेश बल, जेंटल परीडा, अविनाश जेना, बीएन पांडे समेत अन्य लोग शामिल थे। इसी तरह राउरकेला के बड़े जगन्नाथ मंदिर बसंती कालोनी, प्लांट साइट, पानपोष, छेंड कालोनी, टिबर कालोनी, नया बाजार, बंडामुंडा, सेक्टर-16, तुमकेला, कोयलनगर,झीरपानी, जगदा, फर्टिलाइजर समेत तीन दर्जन से अधिक जगन्नाथ मंदिरों में देव विग्रहों की स्नान नीति संपन्न की गई। कोरोना गाइडलाइन के चलते सभी कार्यक्रम बगैर भक्तों के संपन्न कराया गया।