कोरोना से बचाव को लेकर जागरूकता अभियान
कोरोना महामारी की दूसरी लहर पहली से ज्यादा भयानक थी। दूसरी लहर से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोरोना महामारी की दूसरी लहर, पहली से ज्यादा भयानक थी। दूसरी लहर से मरने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। पहली लहर में जहां सिर्फ शहरी इलाके और घनी आबादी वाले क्षेत्र प्रभावित हुए थे। वहीं, दूसरी लहर शहर से लेकर गांव तक फैली। ग्रामीण इलाकों में सैकड़ों की संख्या में संक्रमित पाए जिनमें से कई लोगों की मौत हो गई है। ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता और सतर्कता की कमी के कारण वायरस के प्रसार को देखते हुए राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। क्योंकि जागरूकता व सतर्कता ही कोरोना संक्रमण से बचाव है। सावधान रहें, पारदर्शी रहें और कोविड नियमों का पालन करें। अगर आपको खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। यदि आप संक्रमित हैं, तो भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहें और टीका लगवाएं जैसे संदेश लेकर लेफ्रिपाड़ा प्रखंड के विभाना गांवों में समन्वित आदिवासी विकास संस्था माणिकेश्वरी रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी (एंआरडीएस) सुंदरगढ़ की सहायता से जागरूकता कार्यक्रम व साबुन, सैनिटाइजर, व मास्क का वितरण किया गया। लेफ्रिपाड़ा प्रखंड के 17 पंचायतों के विभिन्न गांवों में यह कार्यक्रम किया जाना है। शनिवार को कदामाल, सरफगढ़, रायबगा गांव में यह जागरूकता कार्यक्रम किया गया। इस दौरान कैसे खुद को साफ रखें और शारीरिक दूरी कैसे बनाए रखें, साथ ही मास्क और सैनिटाइ•ार के उपयोग सहित साबुन से बार-बार हाथ कैसे धोएं, इसकी जानकारी दी गई। ग्रामीण इलाकों में, खासकर तलहटी में, लोग वायरस या इसके खतरों के बारे में कम जागरूक हैं। नतीजतन, मास्क के उपयोग और शारीरिक दूरी का ध्यान नहीं रखा जाता है। कोरोना की दूसरी लहर में गांवों के लोग संक्रमित हो गए। ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता की कमी के कारण संक्रमण तेज हो गया था। संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ने के लिए जागरूकता की आवश्यकता को देखते हुए राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कार्यक्रमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए कदम उठाए हैं।