कोरोना से अनाथ बच्चों की पैतृक संपत्ति असुरक्षित
सुंदरगढ़ जिले में कोरोना महामारी के दौरान 22 बच्चे अनाथ हो गए हैं। उन्हें विभिन्न संस्थाओं में रखा गया है। उनके घर छोड़कर जाने के बाद स्वजन पैतृक संपत्ति हड़पने का प्रयास कर रहे हैं।
जासं, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले में कोरोना महामारी के दौरान 22 बच्चे अनाथ हो गए हैं। उन्हें विभिन्न संस्थाओं में रखा गया है। उनके घर छोड़कर जाने के बाद स्वजन पैतृक संपत्ति हड़पने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी संपत्ति की सुरक्षा के लिए प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। विभिन्न संगठनों की ओर से इस दिशा में भी प्रशासन से काम करने के लिए ध्यान आकृष्ट किया गया है।
सीडब्ल्यूसी से मिले तथ्य के अनुसार सुंदरगढ़ जिले में अनाथ हुए 22 बच्चों में से चार के माता पिता दोनों की मौत कोरोना से हुई है। इसमें दो बच्चे कोइड़ा तथा दो बच्चे राजगांगपुर ब्लाक के हैं। अन्य 18 बच्चों के माता पिता की मौत अन्य रोग से हुई है। ये राजगांगपुर, हेमगिर, टांगरपाली व नुआगांव ब्लाक के हैं। छह बच्चों को छेंड स्थित एसओएस चिल्ड्रन्स विलेज, चार को सुंदरगढ़ बेलसरा आश्रम, तीन को कुतरा के लग्स सोसाइटी, तीन को सुंदरगढ़ बालजोर आश्रम तथा अन्य को उनके स्वजनों के पास रखा गया है। कोरोना से जिन बच्चों के माता पिता की मौत हो हुई है उनकी जिम्मेदारी राज्य सरकार तथा केन्द्र सरकार के पीएम केयर्स चिल्ड्रन पॉलिसी से की जा रही है। माता पिता के देहांत के बाद अनाथ बच्चों के घरद्वार, संपत्ति व जमीन की सुरक्षा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इसकी सुरक्षा के लिए सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इससे बच्चों को पैतृक संपत्ति से बेदखल होने की आशंका बनी हुई है। जयशंकर सेवाश्रम की प्रमुख भारती नाहक ने सरकार का इस ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए संपत्ति की सुरक्षा के लिए पहल करने की मांग की है।