हाथी के हमले में दिव्यांग बुजुर्ग की मौत, परिवार बाल-बाल बचा
सुंदरगढ़ जिले में हाथी-मानव लड़ाई जारी है। लगभग हर दिन हाथी का अवैध शिकार हाथी की मौत और हाथी के हमले से लोगों की जान जा रही है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : सुंदरगढ़ जिले में हाथी-मानव लड़ाई जारी है। लगभग हर दिन, हाथी का अवैध शिकार, हाथी की मौत और हाथी के हमले से लोगों की जान जा रही है। बुधवार की रात हाथी के हमले में 61 वर्षीय एक वृद्धा की मौत हो गई। लाठीकटा प्रखंड के दलकी गांव के रतुकुपेड़ी निवासी मृतक 61 वर्षीय बिरसी कुजूर के शव का पोस्टमार्टम करने के बाद उनके स्वजनों को सौंप दिया गया।
लाठीकटा प्रखंड के दलकी गांव के रतुकुपेड़ी में बिरसी अपने 3 बेटों और 3 बेटियों के साथ रह रही थी। बुधवार की रात खाना खाने के बाद परिवार के सभी 7 सदस्य सो गए। रात लगभग 11:30 बजे दो हाथी रतुकुपेडी रिजर्व जंगल से गांव में घुस आए। हाथी की आवाज सुनकर छह भाई-बहन घर से भाग गए। लेकिन दिव्यांग होने के कारण बिरसी भाग नहीं पाई और घर पर ही छिपी रही। इस बीच हाथियों ने उसके घर की दीवार को ढ़हा दिया, जिसके चपेट में आने से बिरसी गंभीर रूप से घायल हो गई।
उधर, लंबे समय तक, हाथियों ने गांव में उपद्रव मचाने के साथ घरों को नुकसान पहुंचाया तथा फसलों को नष्ट किया। भोर के समय हाथियों के जाने के बाद बिरसी को दीवार के मलबे से निकाला गया और राउरकेला सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया। यहां इलाज के दौरान बिरसी की मौत हो गई। वन विभाग ने अंतिम संस्कार के लिए परिवारों को 40,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है।