18 महीने बाद स्कूलों में शुरू हुई आठवीं कक्षा की पढ़ाई

कोरोना संक्रमण के चलते बंद स्कूल कालेजों को धीरे धीरे खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 10:05 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 10:05 PM (IST)
18 महीने बाद स्कूलों में शुरू हुई आठवीं कक्षा की पढ़ाई
18 महीने बाद स्कूलों में शुरू हुई आठवीं कक्षा की पढ़ाई

जागरण संवाददाता, राउरकेला : कोरोना संक्रमण के चलते बंद स्कूल कालेजों को धीरे धीरे खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई है। नौवीं से लेकर बारहवीं तक की कक्षा शुरू करने के बाद सोमवार से आठवीं कक्षा की पढ़ाई भी स्कूलों में शुरू हो गई है। इसके लिए स्कूलों में सभी तरह की तैयारियां की गई है। सफाई के साथ साथ बच्चों के लिए कोरोना गाइडलाइन का पालन करना अनिवार्य किया गया है। मास्क पहनने के साथ साथ शारीरिक दूरी का पालन करने का निर्देश स्कूल प्रबंधन को दिया गया है। स्कूल में पढ़ाई के साथ आनलाइन पढ़ाई भी जारी रहेगी। पहले दिन स्कूल आने वाले विद्यार्थियों में काफी उत्साह देखा गया।

राज्य सरकार की ओर से हाईस्कूल के बाद अब उच्च प्राथमिक स्कूलों में भी आठवीं कक्षा की पढ़ाई शुरू कर दी गई है। सोमवार को सुबह नौ से दोपहर 12.30 बजे तक कक्षा चली। 18 महीने के बाद विद्यार्थी स्कूल आकर पढ़ाई कर रहे हैं। छठवीं पास करने के बाद बच्चे स्कूल नहीं गए थे। अब आठवीं कक्षा की आधी से अधिक पढ़ाई आनलाइन करने के बाद पहली बार सोमवार को स्कूल पहुंचे। हालांकि पहले दिन अपेक्षाकृत कम विद्यार्थी स्कूल पहुंचे। बच्चों के स्कूल आने से पहले कक्षा समेत परिसर की ठीक तरह से साफ सफाई करने के साथ ही सैनिटाइजेशन का काम पूरा किया गया। दो दिन तक बच्चों के बीच विभिन्न चर्चा, तर्क, संगीत, चित्रांकन, हस्तकला आदि प्रतियोगिता आयोजित होगी। 18 महीने के बाद स्कूल आने वाले बच्चों को मानसिक रूप से भी तैयार किया जा रहा है। स्कूल आने वाले विद्यार्थियों को अभिभावकों का सहमति पत्र साथ लाना है। आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को सातवीं कक्षा का सामंजस्य रखते हुए पठन-पाठन कराया जाएगा। लंबे समय से स्कूल से दूर रहने के कारण बच्चों से दक्षता परीक्षा भी ली जाएगी। सभी विद्यार्थियों को इसमें शामिल होना होगा। 27 अक्टूबर को ओड़िया, 28 को गणित तथा 29 अक्टूबर को बच्चों की अग्रेजी की दक्षता जांच होगी। एक घंटे का समय इसके लिए बच्चों को मिलेगा। यदि कोई विद्यार्थी स्कूल नहीं आते हैं तो उन्हें घर जाकर जांच करेंगे। आठवीं कक्षा की पढ़ाई स्कूलों में शुरू होने से शिक्षकों में भी तत्परता बढ़ गई है।

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