कोविड जांच की रफ्तार बढ़ाने पर देना होगा जोर
कोरोना को लेकर इस बार सुंदरगढ़ जिले को उस अनुभूति का सामना करना पड़ रहा है जो गंजाम ने पिछले साल अनुभव किया था।
जागरण संवाददाता, राउरकेला: कोरोना को लेकर इस बार सुंदरगढ़ जिले को उस अनुभूति का सामना करना पड़ रहा है जो गंजाम ने पिछले साल अनुभव किया था। भले ही बढ़ते संक्रमण ने स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को बढ़ाया है लेकिन स्थिति में सुधार पर राज्य सरकार का कम ध्यान है। यहां तक कि दैनिक परीक्षण इस जिले के लिए बहुत कम है, जो लगभग हर दिन राज्य के उच्चतम संक्रमण की रिपोर्ट दर्ज कर रहा है।
मंगलवार को राउरकेला मुख्य मार्ग के एक 46 वर्षीय व्यवसायी, जो 12 दिनों से भी अधिक समय से बुखार और इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों से पीड़ित थे, वे दूसरी बार राउरकेला सरकारी अस्पताल (आरजीएच) अपनी जांच कराने पहुंचे थे। कोविड संक्रमित होने की आशंका के तहत उनका आरटी-पीसीआर परीक्षण होना था। जिसके कारण दो घंटे तक इसके लिए कतार में इंतजार करना पड़ा। हालांकि, काफी देर होने के कारण वे और अन्य लोग बिना परीक्षण किए वापस लौट गए। जबकि अस्पताल अधिकारियों द्वारा इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।
व्यवसायी ने कहा कि उनके पिता की मृत्यु कोविड-19 के कारण 13 अप्रैल को हुई थी। लक्षण विकसित होने के बाद, वह आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए पांच दिन पहले आरजीएच गए थे। हालांकि, उनका परीक्षण करने से इनकार कर दिया गया था और इसके बजाय पांच दिनों के लिए दवाएं दी गई थीं। इसके बार उन्हें फिर से दो और दिन के लिए दवाइयां दी गईं और परीक्षण के लिए आने को कहा गया।
इसी तरह सेक्टर -6 के रहने वाले एक व्यक्ति में भी कोविड जैसे लक्षण देखने पर वे पांच दिन पहले परीक्षण के लिए आरजीएच आए थे, लेकिन केवल दवाओं के साथ डॉक्टरों ने उन्हें लौटा दिया था। कोविड प्रबंधन में शामिल एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा की परीक्षण किटों की कमी इसका एक कारण हो सकता है। जब इस ओर राउरकेला एडीएम अबोली सुनील नरवाने के संज्ञान में लाया गया, तो उन्होंने इस पर गौर करने का आश्वासन दिया।
अब तक, पूरे सुंदरगढ़ जिले में 2,691 नमूनों का परीक्षण किया गया है, जिसमें आरटी-पीसीआर के माध्यम से 1,912 परीक्षण शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि मृतक कोविड के करीबी मरीजों को भी परीक्षण से वंचित किया जा रहा है, जो वायरस फैलने के बड़े माध्यम बन सकते है।
प्रशासनिक कुप्रबंधन के अन्य उदाहरण भी हैं। पिछले 10 दिनों में पावर हाउस और बिसरा डहार रोड के बीच घनी आबादी वाले इलाके में तीन कोविड मरीजों की मौत हो गई है। 400 मीटर के दायरे में रहने वाले उनके कई रिश्तेदार भी जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। हालांकि, इस क्षेत्र को अब तक कंटेनमेंट जोन क्षेत्र घोषित किया जाना बाकी है।
इसी तरह, उदितनगर आईटी कॉलोनी में कोरोना पॉजिटिव मामलों का पता लगाने के बाद इसे माइक्रो-कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया।
सुंदरगढ़ में मंगलवार को 317 नए कोविड मामलों का पता चला, जिसे मिलाकर 22,628 हो गए, जिनमें से 4,894 सक्रिय हैं। जिले में कोविड की अब तक आधिकारिक तौर पर 178 लोगों की मौत हो चुकी है। सुंदरगढ़ जिले में कोविड-19 दूसरी लहर के बीच, जिलापाल निखिल पवन कल्याण ने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने की अपील करते हुए परीक्षण, ट्रैकिग और उपचार पर जोर दिया गया है।
रिलायंस सुपर मार्केट सील, 10 हजार रुपये जुर्माना : प्रशासन ने बुधवार को कोविड दिशा निर्देश का उल्लंघन करने के आरोप में सुंदरगढ़ शहर के मिशन रोड पर स्थित रिलायंस सुपरमार्केट स्टोर को दो दिनों के लिए सील कर दिया। स्टोर पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। मॉल में बुधवार को कोविड दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाया गया। उप-जिलापाल अभिमन्यु वेहरा ने दोपहर 1 बजे मॉल में छापेमारी की और कई लोगों के मास्क पहने नहीं होने के कारण मॉल को सील कर दिया। मॉल प्रबंधन जानबूझकर शारीरिक दूरी के प्रतिबंधों की अनदेखी कर रहा था। हालांकि, शहर के कई मॉल और दुकानें अभी कोविड नियम का उल्लंघन कर रहे है। लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन नियमित निरीक्षण और छापेमारी कर कार्रवाई करेगा। कोयलनगर में टीकाकरण केंद्र खोलने की मांग : कोयलनगर में कोरोना टीकाकरण केन्द्र खोलने की मांग राउरकेला इस्पात संयंत्र सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ की ओर से किया गया है। इसके लिए संघ की ओर से राउरकेला विधायक, एडीएम तथा नगर निगम आयुक्त को भी ज्ञापन दिया गया है। संघ की ओर से कहा गया है कि कोयलनगर क्षेत्र में बड़ी संख्या में सेवानिवत्त कर्मचारी रहते हैं। उन्हें टीका लेने के लिए आइजीएच जाना पड़ता है। यहां लंबी कतार होने के कारण इस उम्र में प्रतीक्षा करना कठिन हो जाता है। इससे शारीरिक व मानसिक परेशानी होती है। वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए कोयलनगर में टीकाकरण केन्द्र स्थापित करने की मांग की गई है।