राउरकेला में नाम मात्र का चल रहा है साइबर थाना

स्मार्टसिटी राउरकेला में नाम मात्र का साइबर थाना चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 09:58 PM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 09:58 PM (IST)
राउरकेला में नाम मात्र का चल रहा है साइबर थाना
राउरकेला में नाम मात्र का चल रहा है साइबर थाना

जागरण संवाददाता, राउरकेला: स्मार्टसिटी राउरकेला में नाम मात्र का साइबर थाना चल रहा है। इसके आधे से अधिक पद खाली हैं। कार्यालय में चार कंप्यूटर को छोड़ कर कुछ नहीं है। साइबर थाना की अपनी जीप तक नहीं है कि अपराध की जांच में तेजी लायी जा सके। थाने की ढिलाई के चलते सुंदरगढ़ जिले में साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी विभिन्न तरीकों से लोगों को फंसाकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी कर रहे हैं। पुलिस उन्हें ठीक करने से दूर इसका सुराग भी नहीं लगा पा रही है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, सुंदरगढ़ जिले में, विशेष रूप से राउरकेला में, 3-4 साइबर अपराधियों का एक गिरोह है। वे किगपिन के इशारे पर काम कर रहे हैं। इन सभी नेटवर्क की जड़ें झारखंड से लेकर कोलकाता, बिहार से लेकर दिल्ली तक हैं। राउरकेला में साइबर क्राइम को रोकने के लिए साइबर पुलिस स्टेशन है। जिले में सैकड़ों लोग साइबर ठगी के शिकार हैं। पिछले ढाई वर्षों में, व्यापारियों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों और आम जनता से 2 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हुई है। फरवरी 2016 में जिस साइबर थाने का उद्घाटन किया गया था, उसमें अपेक्षित संख्या में कर्मचारी या सहायक सुविधाएं नहीं हैं। केवल 4 कंप्यूटर हैं। केवल पांच इंस्पेक्टर की जगह दो इंस्पेक्टर हैं। उनके साथ तीन कांस्टेबल काम कर रहे हैं। थाने में साइबर अपराध का सुराग लगाने के लिए अत्याधुनिक प्रणाली भी नहीं है। इतना ही नहीं इस साइबर पुलिस स्टेशन के पास एक जीप भी नहीं है। वाहनों की कमी से जांच प्रक्रिया में बाधा आ रही है। इस दृष्टि से, मामलों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। लेकिन गिरफ्तारी की संख्या घट रही है। चार्जशीट समय पर अदालत में दाखिल नहीं की जा सकती। राउरकेला साइबर पुलिस के अनुसार कुछ छोटे मामलों को छोड़ कर पिछले 36 महीने में कुल 38 मामले दर्ज किए गए हैं। वर्ष 2018 में इस मामले में दस लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। 2019 में इनकी संख्या घटकर नौ हुई थी। 2020 में संख्या फिर बढ़ी और 19 मामले दर्ज हुए। 2018 में 20 लाख की ठगी का मामला आया था पर इसका सुराग नहीं लग पाया। 8 नवंबर 2019 को मोबाइल टावर ठगी मामले का पर्दाफाश हुआ था एवं पांच युवक व दो महिलाएं गिरफ्तार हुई थी। 2020 में दर्ज मामलों में पांच से अधिक बड़े मामले थे। शेयर बाजार में पूंजी निवेश के नाम पर व्यवसायी से 15.81 लाख रुपये की ठगी हुई थी। इसी तरह, एक नाइजेरियन महिला ने फेसबुक पर एक युवक से दोस्ती की और 9,57,500 रुपये उससे ठग लिए थे। इसी तरह सुंदरगढ़ जिले दोस्त रिश्तेदारों के पेटीएम के 4, गूगल पे के 6, फोन पे के जरिये 4 ठगी हुई है जिसकी जांच की जा रही है। एटीएम कार्ड सत्यापन में धोखाधड़ी के मामले भी सामने आ रहे हैं। साइबर थाना के एक अधिकारी ने अपना नाम बताए बगैर कहा कि अधिकतर आरोपित राज्य के बाहर के हैं। थाने में पर्याप्त स्टाफ नहीं हैं जिस कारण चार्जशीट दाखिल करने में विलंब हो रहा है। अदालत में चार्जशीट दिया जा रहा है एवं सुनवाई में विलंब हो रहा है।

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