पर्यटन स्थल की सूची में जिले के 14 स्थान शामिल
पिकनिक का समय आते ही पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों का आना शुरू हो गया है। इसे आकर्षक बनाने के लिए जिला पर्यटन विभाग की ओर से हर साल विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : पिकनिक का समय आते ही पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों का आना शुरू हो गया है। इसे आकर्षक बनाने के लिए जिला पर्यटन विभाग की ओर से हर साल विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस वर्ष भी विभाग की ओर से इको रिट्रिट की व्यवस्था की गई है। विभाग की ओर से करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं पर स्थिति में आशानुरूप बदलाव नहीं देखा जा रहा है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सुंदरगढ़ जिले के 14 स्थानों को राज्य पर्यटन स्थल की सूची में शामिल किया गया है पर इसके विकास के लिए उल्लेखनीय कार्य नहीं हो रहे हैं। पर्यटन स्थल का विकास कर पर्यटकों को आकृष्ट करने एवं इससे अधिक राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य लेकर काम नहीं हो पाया है।
पर्यटन स्थलों के विकास से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा। पर्यटन विभाग की ओर से इसे लेकर पर्यटन स्थलों का नक्शा तैयार किया गया है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सुंदरगढ़ जिले के 14 स्थान इस सूची में शामिल हैं। इसमें वेदव्यास शैव पीठ व संगम, हेमगिर जूना गढ़, लेफ्रीपाड़ा ब्लॉक का उषाकोठी, देवदरह, राजगांगपुर में घोघड़धाम, मंदिरा डैम, लहुणीपाड़ा में दर्जिंग, मिरिग खोज, टेनसा, लाठीकटा ब्लॉक में पीतामहल डैम, बड़गांव में छतरी हिल, कुआरमुंडा ब्लॉक में आमको सिमको शामिल हैं। इस क्षेत्र के विकास के प्रति सरकार का ध्यान नहीं है। आमको सिमको शहीद स्थल में पर्यटन के विकास के लिए वर्ष 2017 में दो करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। विभिन्न कारणों से पानपोष आइटीडीए में राशि पड़ी रही। राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद जनवरी 2021 में काम शुरू हुआ। बणई ब्लॉक के खंडाधार जलप्रपात के लिए भी चार करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए। ओडिशा पर्यटन विभाग की ओर से काम शुरू नहीं किया गया है। जिला पर्यटन अधिकारी निरंजन महापात्र के अनुसार जिले में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए किसी प्रकार का प्रस्ताव नहीं आया है। खंडाधार जलप्रपात के लिए चार करोड़ रुपये मिले हैं जिससे विकास का काम होगा। इसमें शौचालय, पार्क स्थल, पशु पक्षी के लिए प्राकृतिक परिवेश बनाया जाएगा जिससे पर्यटक यहां आएंगे। रोप-वे का प्रस्ताव फिलहाल रद किया गया है। पीतामहाल डैम में भी नौका विहार की योजना थी पर यह प्रस्ताव तक ही सीमित है। वेदव्यास के विकास के लिए राज्य सरकार की ओर से 1.28 करोड़ रुपये खर्च किए गए पर उस स्तर पर विकास नहीं हो पाया है। दार्जिंग, देवदरह, जूनागढ़, उषाकोठी, छतरी हिल, मंदिरा डैम के विकास के लिए सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया है।