सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 100 व आइजीएच में 12 वेंटिलेटर
राउरकेला इस्पात संयंत्र अधीनस्थ इस्पात जनरल अस्पातल (आइजीएच) तथा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल कोरोना की तीसरे लहर से निपटने की तैयारी की जा रही है।
जागरण संवाददाता, राउरकेला : राउरकेला इस्पात संयंत्र अधीनस्थ इस्पात जनरल अस्पातल (आइजीएच) तथा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल कोरोना की तीसरे लहर से निपटने की तैयारी की जा रही है। आइजीएच में 15 आइसीयू बेड, 12 वेंटिलेटर बेड समेत 80 बेड कोरोना मरीजों के लिए तैयार हैं। कोरोना के अति गंभीर मरीजों का इलाज शहर में उपलब्ध कराने के लिए एकमो मशीन लगाने का प्रस्ताव है इस पर काम किया जा रहा है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में सौ वेंटिलेटर व आक्सीजन युक्त बेड लगाए गए हैं।
इस्पात जनरल अस्पताल : राउरकेला इस्पात संयंत्र अधीनस्थ इस्पात जनरल अस्पातल में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए कुल 80 बेड तैयार किए गए हैं। इनमें 15 बेड आइसीयू हैं। सभी बेड ऑक्सीजन युक्त हैं। इस अस्पातल में पहले आक्सीजन की आपूर्ति गैस सिलेंडर के जरिए की जाती थी पर अब राउरकेला इस्पात संयंत्र कर्मियों ने ही अपनी तकनीक से लिक्विड आक्सीजन टैंक का निर्माण किया है। यहां से सीधे बेड को जोड़ा गया है। कोरोना से निपटने के लिए हाल में 12 वेंटिलेटर खरीदे गए हैं। कोरोना की दूसरी लहर में राउरकेला इस्पात संयंत्र को काफी नुकसान हुआ था इसके 45 से अधिक कर्मचारी, श्रमिक व अधिकारियों की जान चली गई। इसे देखते हुए कोरोना मरीज को गंभीर हालत में इलाज के लिए एकमो मशीन खरीदने का प्रस्ताव संयंत्र की ओर से दिया गया है। इसके मिलने से मरीजों का बेहतर इलाज संभव हो सकेगा एवं उन्हें इलाज के लिए बाहर ले जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आरटीपीसीआर जांच के साथ साथ अन्य आवश्यक जांच की सुविधा इस अस्पताल में उपलब्ध है। चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों की कमी नहीं है। आइजीएच में कार्यरत कर्मियों को ही कोरोना वार्ड में नियोजित किया जाता रहा है।
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल : आइजीएच परिसर में निर्मित इस्पात सुपर स्पेशलिटी अस्पातल को भी कोरोना मरीजों के इलाज के लिए पूरी तरह से तैयार रखा गया है। निवर्तमान इस्पात व पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की पहल पर केंद्र सरकार के सहयोग से इस अस्पताल में 100 वेंटिलेटर व ऑक्सीजन युक्त बेड लगाए गए हैं जिसमें इलाज शुरू किया गया है। सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में पहले ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए सिलेंडर से बेड को जोड़ा गया था। इसमें 200 सिलेंडर का इस्तेमाल हो रहा था। अब लिक्विड ऑक्सीजन टैंक से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। यहां चिकित्सक व चिकित्सा कर्मियों की जरूरत को पूरी करने के लिए भी सभी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।