भक्तों को दर्शन देने रत्न वेदी से निकले भगवान

महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी बड़े भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ पतितपावन

By JagranEdited By: Publish:Sat, 14 Jul 2018 05:17 PM (IST) Updated:Sat, 14 Jul 2018 05:17 PM (IST)
भक्तों को दर्शन देने रत्न वेदी से निकले भगवान
भक्तों को दर्शन देने रत्न वेदी से निकले भगवान

जेएनएन, भुवनेश्वर/पुरी : महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी बड़े भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ पतितपावन को दर्शन देने के लिए विश्व प्रसिद्ध रथायात्रा के अवसर पर रत्न वेदी से मौसीबाड़ी (मौसी के घर) के लिए पूरे हर्षोल्लास के साथ रवाना हुए। शनिवार को रथयात्रा के अवसर पर श्रीमंदिर की रत्न वेदी से सबसे पहले श्री सुदर्शन जी की सुबह 8 बजकर 55 मिनट पर पहंडी निकाली गई और सुबह 9 बजकर 5 मिनट पर उन्हें रथ पर विराजमान किया गया। बाइस पाहाच (22 सीढ़ी) होते हुए श्री सुदर्शनजी को रथ पर विराजमान किया गया। इसके बाद महाप्रभु के बड़े भाई बलभद्र जी की पहंडी बिजे (श्रीमंदिर से विग्रह को बाहर लाने की प्रक्रिया) की गई। बलभद्र जी को 10 बजकर 35 मिनट पर उनके तालध्वज रथ पर आरूढ़ किया गया तो बहन सुभद्रा को 10:40 बजे दर्पदलन पर रथारूढ़ किया गया। सबसे आखिरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी का पहंडी बिजे करते हुए उनको नंदीघोष रथ पर विराजमान किया गया।

श्रीमंदिर से चतुर्धा मूíत (सुदर्शन, बलराम, देवी सुभद्रा एवं प्रभु जगन्नाथ) के इस मनोरम पहंडी बिजे दृश्य को देखने के लिए हजारों की संख्या में भक्तों का समागम हुआ।

इससे पूर्व शनिवार की भोर 4:30 बजे मंगल आरती के साथ रथयात्रा नीति, मंगलम, तड़प लागी, रोष होम अवकाश, सूर्य पूजा, गोपाल बल्लभ, सकाल धूप नीति आदि मंदिर के अंदर संपन्न की गई। इसके बाद रथ प्रतिष्ठा, मंगल अर्पण नीति संपन्न होने के बाद पहंडी बिजे प्रक्रिया शुरू हुई। महाप्रभु के इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए उपस्थित हजारों भक्तों का जनसमूह महाप्रभु के रथारूढ़ होते ही चारों तरफ जय जगन्नाथ, नयन पथ गामी भव तुमे.. के उदघोष से पूरा श्रीक्षेत्र धाम गुंजायमान हो गया।

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