ओडिशाः पुरी में मठ मंदिर तोड़ने की प्रक्रिया सोमवार तक बंद

Math temple in Puri. श्रीमंदिर के चारों तरफ 75 मीटर तक साफ करने के चल रहे अभियान के तहत बड़अखाड़ा मठ सानछता मठ को तोड़ा जाना था जिसे अब मंगलवार को तोड़ा जाएगा।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 01 Sep 2019 02:06 PM (IST) Updated:Sun, 01 Sep 2019 02:06 PM (IST)
ओडिशाः पुरी में मठ मंदिर तोड़ने की प्रक्रिया सोमवार तक बंद
ओडिशाः पुरी में मठ मंदिर तोड़ने की प्रक्रिया सोमवार तक बंद

जासं, भुवनेश्वर। श्रीक्षेत्र धाम पुरी में श्रीमंदिर के चारों तरफ चल रहे मठ मंदिर तोड़ने की प्रक्रिया को रविवार को बंद कर दिया गया है। सोमवार को गणेश पूजा होने से इस दिन भी मठों को तोड़ने की प्रक्रिया बंद की गई है। यह जानकारी पुरी जिला के जिलाधीश बलवंत सिंह ने दी है। उन्होंने कहा है कि मंगलवार से पुन: मठों को तोड़ने का कार्य शुरू किया जाएगा।

गौरतलब है कि श्रीमंदिर के चारों तरफ 75 मीटर तक साफ करने के चल रहे अभियान के तहत बड़अखाड़ा मठ, सानछता मठ को तोड़ा जाना था, जिसे अब मंगलवार को तोड़ा जाएगा। प्रशासन ने रघुनंदन लाइब्रेरी, इसके बाद भूतल अमरा घर तथा दुकान घरों को तोड़ दिया है। एमार मठ के एक के बाद एक हिस्से को प्रशासन ध्वस्त कर रहा है।

वहीं, इस मामले में चुप्पी साधे हुए मठ के महंत राजोपाल रामानुज दास महाराज ने एक टीवी चैनल से कहा है कि मैंने प्रशासन से अनुरोध किया है कि मैं जिस घर में रहता हूं, उसे न तोड़ा जाए। हमने यह भी कहा है किसी भी हालत में मैं मठ के अंदर अपने आवास को खाली नहीं करूंगा। हालांकि इस पर पुरी के जिलाधीश कहा है कि यह महंत की अपनी प्रतिक्रिया है। कोई भी निर्णय से पहले टेक्निकल टीम के साथ चर्चा की जाएगी। एमार मठ के 80 प्रतिशत हिस्से को तोड़कर मिट्टी में मिला दिया गया है। 

पुरी के ऐतिहासिक एमार मठ पर चला बुलडोजर

पुरी स्थित श्रीजगन्नाथ भगवान के श्रीमंदिर के आसपास अनधिकृत निर्माण को हटाने पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार के बाद लगभग 900 साल पुराने ऐतिहासिक एमार मठ को तोड़ने का काम शुरू हो गया है। कोर्ट ने मंदिर परिसर के 75 मीटर के दायरे में स्थित सभी अनधिकृत निर्माण को हटाने के आदेश दिए हैं।

ओडिशा के सबसे धनी मठों में से एक एमार मठ श्रीमंदिर के सिंह द्वार के सामने है और उसके 75 मीटर के दायरे में आता है। बुधवार दोपहर बाद शुरू प्रशासन की कार्रवाई में पहले इस चार मंजिला मठ के सबसे ऊपरी मंजिल पर स्थित रघुनंदन लाइब्रेरी को तो़ड़ा गया है।

इस कार्य में दस से अधिक ब्रेकर एवं बुलडोजर लगाए गए हैं। किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मौके पर दस प्लाटून पुलिस बल तैनात है। एहतियातन स्नेक हेल्पलाइन के सदस्यों को भी बुलाया गया है। परिसर में मौजूद दुकानों सहित अन्य सामान को पहले ही हटा दिया गया था। कर्मचारियों के फिलहाल बगला धर्मशाला में रहने की व्यवस्था की गई है, मगर वे लोग स्थायी व्यवस्था की मांग कर रहे हैं। प्रशासन ने एमार मठ के साथ ही सात और पुराने मठों को तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है।

मठ के अंदर मिला सुरंगनुमा घर

एमार मठ को तो़ड़ते समय गुरवार को जमीन के अंदर सुरंगनुमा घर पाया गया है। मठ से कई साल पहले 400 से अधिक चांदी की ईंट मिल चुकी हैं। ऐसे में इस सुरंगनुमा घर के बारे में लोगों की उत्सुकता ब़़ढ गई है। लोगों को लगता है कि 12वीं सदी के इस मठ में काफी मात्रा में गुप्त धन छिपा हुआ है। मठ के महंत राजगोपाल रामानुज दास महाराज यह जगह छोड़ने को तैयार नहीं हैं। वे मठ के अंदर ध्यान मुद्रा में बैठे हुए हैं।

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