दो दिवसीय राज्य स्तरीय शिशु नाटक महोत्सव का समापन

बेलपहाड़ के जुबिली हाल में राज्य सरकार के ओडिया भाषा साहित्य व संस्कृति विभाग के तत्वावधान में ओडिशा संगीत नाटक अकादमी की ओर से झारसुगुड़ा जिला संस्कृति परिषद तथा मिरर थिएटर के सहयोग से सोमवार को शुरू हुए राज्य स्तरीय शिशु नाटक महोत्सव का मंगलवार रात को समापन हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 06:56 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 06:56 PM (IST)
दो दिवसीय राज्य स्तरीय शिशु नाटक महोत्सव का समापन
दो दिवसीय राज्य स्तरीय शिशु नाटक महोत्सव का समापन

संसू, ब्रजराजनगर : बेलपहाड़ के जुबिली हाल में राज्य सरकार के ओडिया भाषा, साहित्य व संस्कृति विभाग के तत्वावधान में ओडिशा संगीत नाटक अकादमी की ओर से झारसुगुड़ा जिला संस्कृति परिषद तथा मिरर थिएटर के सहयोग से सोमवार को शुरू हुए राज्य स्तरीय शिशु नाटक महोत्सव का मंगलवार रात को समापन हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि का दायित्व जिला पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र दास ने निभाया । बतौर सम्मानित अतिथि बेलपहाड़ नगरपालिका के कार्यपालक अधिकारी लोकनाथ तिवारी, टीआरएल क्रोसाकि के वरिष्ठ अधिकारी एस ए. हबीब तथा मिरर थिएटर के संस्थापक तथा निर्देशक सुभाष चंद्र प्रधान ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। ओडिशा संगीत नाटक अकादमी के अधिकारी भावग्राही साहू की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम का संचालन संतोष साहू तथा सुभनकिता रथ ने किया । बरगढ़ जिले के पदमपुर के कलाकारों द्वारा रात्रि का पहला नाटक 'लंगड़ा राजा' का सफल मंचन किया गया । निर्देशक केशरंजन प्रधान ने इस नाटक के माध्यम से बताया कि किस तरह राजा अथवा क्षमतावान व्यक्ति के आसपास के लोग अथवा दरबारी चाटुकारिता में लिप्त रहते हैं। यह भी बताया कि अगर राजा लंगड़ाकर चलता है तो उसका कृपापात्र बनने के लिए दरबारी भी लंगड़ाकर चलना शुरू कर देते हैं। बाद में न्यायप्रिय राजा की ओर से स्थिति की वास्तविकता को समझते हुए सब कुछ कैसे ठीक किया जाता है इसे दर्शाया गया है। इसी तरह अगला नाटक बालेश्वर के कलाकारों द्वारा 'रानी का स्वप्न' का मंचन किया गया। इंजीनियर चिन्मय रक्षीत द्वारा लिखित तथा राधरंजन दास द्वारा निर्देशित इस नाटक में ओडिशा के गौरवमय इतिहास की झांकी प्रस्तुत की गई है एवं बताया गया कि वर्तमान पीढ़ी को इनसे प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। हमारी इस पुण्यमयी उत्कल जननी ने बाजी राउत तथा धर्मपद जैसे वीर पुत्रों को जन्म दिया है तथा राज्य का यह अतीत ही वर्तमान की पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत होने के बात कही गई। नन्हें कलाकरों का अभिनय अत्यंत ही मनभावन था तथा दर्शकों को अंत तक बांधे रखने में सफल रहा। अतिथियों द्वारा सभी नन्हें कलाकारों को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। इस अवसर पर ब्रजराजनगर की साहित्यिक शिवप्रिया मिश्र द्वारा लिखित पुस्तक पश्चिम ओडिशा का जन जीवन व लोक संस्कृति का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। अंत में श्यामसुंदर पांडे ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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