टीआरएल क्रोसाकि को मिला कलिंग पर्यावरण एक्सीलेंस अवार्ड

बेलपहाड़ स्थित टीआरएल क्रोसाकि कंपनी को पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ क्वालिटी एंड इनवायरनमेट मैनेजमेंट सिस्टम नामक संस्थान की ओर से प्रतिष्ठित कलिंग पर्यावरण गुणवत्ता पुरस्कार 2020 प्रदान किया गया। कंपनी के पर्यावरण विभाग के महाप्रबंधक रंजन कुमार गड़नायक तथा खदान विभाग के महाप्रबंधक शास्वत दास ने भुवनेश्वर के न्यू मारिओन होटल में आयोजित विशेष समारोह में पुरस्कार ग्रहण किया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 06:30 AM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 06:30 AM (IST)
टीआरएल क्रोसाकि को मिला कलिंग पर्यावरण एक्सीलेंस अवार्ड
टीआरएल क्रोसाकि को मिला कलिंग पर्यावरण एक्सीलेंस अवार्ड

संसू, ब्रजराजनगर : बेलपहाड़ स्थित टीआरएल क्रोसाकि कंपनी को पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ क्वालिटी एंड इनवायरनमेट मैनेजमेंट सिस्टम नामक संस्थान की ओर से प्रतिष्ठित कलिंग पर्यावरण गुणवत्ता पुरस्कार 2020 प्रदान किया गया। कंपनी के पर्यावरण विभाग के महाप्रबंधक रंजन कुमार गड़नायक तथा खदान विभाग के महाप्रबंधक शास्वत दास ने भुवनेश्वर के न्यू मारिओन होटल में आयोजित विशेष समारोह में पुरस्कार ग्रहण किया। समारोह के मुख्य अतिथि का दायित्व निभाते हुए ओडिशा विधानसभा के अध्यक्ष डा. सूर्य नारायण पात्र ने पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव डा. के मुरुगेसन भी उपस्थित थे। टीआरएल क्रोसाकि को यह पुरस्कार पर्यावरण के क्षेत्र में कंपनी द्वारा समय-समय पर उठाए गए आवश्यक कदम के लिए प्रदान किया गया है। पर्यावरण की रक्षा व उसे बचाने के लिए कंपनी हमेशा प्रयत्नशील है। इस क्षेत्र में सरकार द्वारा निर्धारित सभी नियमों का कड़ाई से पालन करने के साथ-साथ कंपनी बेहतर प्रदर्शन के लिए हमेशा प्रयत्न कर रही है। ज्ञात हो कि इससे पूर्व भी टीआरएल क्रोसाकि पर्यावरण के क्षेत्र में सीआइआइ पूर्वी जोन का पुरस्कार जीत चुकी है। डेंगुरजोर में हाथियों ने धान की फसल को किया बर्बाद : झारसुगुड़ा जिले के कैलाबीरा फोरेस्ट रेंज स्थित लरियापाली वनपाल के अधीन आने वाले डेंगुरजोर में तीन हाथियों ने उत्पात मचा रखा है। हाथियों में नर दंतैल, मादा हाथी व एक छोटा हाथी है। तीनों हाथी रात के समय जंगल से निकल कर बेणुधर किसान, बसंत किसान, घसिया किसान व भीम किसान के धान के फसल को नष्ट कर दिया। हाथियों द्वारा धान की फसल नष्ट किए जाने की सूचना पाकर लरियापाली के फॉरेस्टर व फॉरेस्ट गार्ड ने क्षतिग्रस्त अंचल का दौरा किया और हाथियों द्वारा क्षतिग्रस्त किए गए धान की फसल व खेत का आकलन किया। तीनों हाथी वर्तमान में डेंगुरजोर के समीप जंगल में ही हैं, जिससे गांव वाले दहशत में हैं। गांव वालों ने वन विभाग से सुरक्षा की मांग करते हुए सोलर सिस्टम स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था करने, हाथियों को भगाने के लिए पांच लाइट प्रदान करने व पीड़ित किसानो को उचित मुआवजा प्रदान करने की मांग की है।

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