सारस्वत समारोह में तीन साहित्यिक कृतियों का विमोचन

नगर के बूढ़ीजाम स्थित एमसीएल के वीआइपी गेस्ट हाउस के समक्ष रेनबो अतिथि गृह में रविवार को ओडिशा साहित्य अकादमी भुवनेश्वर का सारस्वत समारोह विशिष्ट साहित्यकारों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। ओडिशा साहित्य अकादमी भुवनेश्वर के अध्यक्ष डा. हृषिकेश मल्लिक की अध्यक्षता में आयोजित समारोह का उद्घाटन झारसुगुड़ा जिलाधीश सरोज कुमार सामल ने किया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 07:00 AM (IST)
सारस्वत समारोह में तीन साहित्यिक कृतियों का विमोचन
सारस्वत समारोह में तीन साहित्यिक कृतियों का विमोचन

संसू, ब्रजराजनगर : नगर के बूढ़ीजाम स्थित एमसीएल के वीआइपी गेस्ट हाउस के समक्ष रेनबो अतिथि गृह में रविवार को ओडिशा साहित्य अकादमी भुवनेश्वर का सारस्वत समारोह विशिष्ट साहित्यकारों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। ओडिशा साहित्य अकादमी भुवनेश्वर के अध्यक्ष डा. हृषिकेश मल्लिक की अध्यक्षता में आयोजित समारोह का उद्घाटन झारसुगुड़ा जिलाधीश सरोज कुमार सामल ने किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि का दायित्व एमसीएल ईब घाटी क्षेत्र के महाप्रबंधक अनवर हुसैन व अकादमी के सदस्य डा. रघुनाथ मेहर ने सम्मानित अतिथि का दायित्व निभाया। अकादमी के पूर्व सदस्य डा. संजय कुमार मिश्र ने मुख्य वक्ता व उपन कुमार भोई ने सम्मानित वक्ता का दायित्व निभाया। अकादमी सदस्य डा. शिवप्रिया मिश्र ने अतिथियों का परिचय प्रदान कर उनका स्वागत किया। नगर की अधिष्ठात्री देवी मां रामचंडी के फोटो चित्र पर अतिथियों ने माल्यार्पण किया और दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। डा. मल्लिक ने अकादमी के क्रियाकलापों की जानकारी देते हुए इलाके के विभिन्न साहित्यकारों व उनकी कृतियों को लोक लोचन में लाने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग करने की मांग की। झारसुगुड़ा जिलाधीश सरोज कुमार सामल ने इस मामले पर जिला प्रशासन का पूर्ण सहयोग व जिले की संस्कृति विभाग के माध्यम से हरसंभव प्रयास करने की बात कही। जिले के विशिष्ट साहित्यकार व ब्रजराजनगर महाविद्यालय के प्रथम प्राचार्य और अकादमी के तत्कालीन पदाधिकारी विनोद नायक को सम्मान देने की बात कही। इस अवसर पर अतिथियों ने तीन साहित्यिक कृतियों का विमोचन किया। इनमें स्वप्ना सिंह द्वारा रचित स्वप्ने जन्हें, जनमेजय भोई द्वारा रचित ऐतिहासिक गुजा पहाड़ तथा रमेश चंद्र पशायत द्वारा लिखित आनंद लहरी शामिल हैं। कार्यक्रम के दूसरे चरण में नाट्य साहित्य को झारसुगुड़ा जिले का अवदान विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिले की विशिष्ट साहित्यकार व लक्ष्मी नारायण महाविद्यालय झारसुगुड़ा की अंग्रेजी प्राध्यापिका डा. स्वर्णमयी पुरोहित के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस कार्यशाला में मिरर थिएटर के संस्थापक तथा नाट्य निदेशक सुभाष प्रधान, कवि तथा नाट्यकार व्यासदेव पंडा तथा अनिल दास इत्यादि ने कहा कि नाटकों में झारसुगुड़ा जिले का अवदान अत्यंत पुराने समय से रहा है। वर्तमान में झसकेटन साहू, उपन चरण साहू, व्यासदेव पंडा तथा सुभाष प्रधान इत्यादि इस कार्य में सहयोग कर रहे हैं। वक्ताओ ने कहा कि सुभाष प्रधान का नाटक न सिर्फ ओडिशा वरन राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी ख्याति अर्जित कर रहा है। झारसुगुड़ा जिले के लिए यह गौरव की बात है। कार्यक्रम के तीसरे व अंतिम चरण में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय कवि व कवियित्रियों ने स्वरचित कविताओं का पाठ किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पद्मावती महापात्र व अंतर्यामी पाणिग्रही ने किया। अंत में आयोजन में मुख्य भूमिका निभाने वाली अकादमी सदस्य डा. शिवप्रिया मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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